हिमाचल प्रदेश

सोलन में फिर ससुर-दामाद में होगी टक्कर, कांग्रेस से टिकट लगभग फाइनल, भाजपा में असमंजस

Renuka Sahu
18 Oct 2022 1:18 AM GMT
Father-in-law and son-in-law will again clash in Solan, ticket from Congress almost final, confusion in BJP
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न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com

प्रदेश की राजनीति का आरंभ से ही एक अहम निवार्चन क्षेत्र होने के कारण सोलन विधानसभा क्षेत्र में इस बार भी ससुर व जमाई का मुकाबला होने के कयास लगाए जा रहे हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रदेश की राजनीति का आरंभ से ही एक अहम निवार्चन क्षेत्र होने के कारण सोलन विधानसभा क्षेत्र में इस बार भी ससुर व जमाई का मुकाबला होने के कयास लगाए जा रहे हैं। वर्तमान विधायक डा. धनी राम शांडिल कांग्रेस की टिकट पर पुन: चुनाव लड़ेंगे, इतना तो अब तय माना जा रहा है। उधर, असमंजस में फंसी भाजपा पुन: पार्टी डा. राजेश कश्यप पर दांव खेल सकती है। वैसे तरसेम भारती, नंद लाल, ज्योति सोनी इत्यादि अन्य इच्छुक टिकटार्थियों का नाम भी चर्चा में है। वहीं, कांग्रेस के धनी राम शांडिल भाजपा के डा. राजेश कश्यप के रिश्ते में ससुर लगते हैं। सोलन निवार्चन क्षेत्र का एक खास पहलू यह भी है कि आज तक सिर्फ भाजपा के डा. राजीव बिंदल ने लगातार तीन बार विजयी होकर हैट्रिक बनाई है। सन 1951 में सोलन निवार्चन क्षेत्र से स्व. हीरा सिंह पाल आजाद प्रत्याशी के रूप में पहली बार विजयी हुए। इस निवार्चन क्षेत्र में 1985 तक सोलन शहर से बाहर व ग्रामीण परिवेश में संबंध रखने वाले नेताओं का ही कब्जा रहा।

सन् 1990 में महेंद्र नाथ सोफत ने पहली बार इस तिलिस्म को तोड़ा तथा सोलन शहर से पहली बार वह विधायक बने। उसके बाद 1993 के चुनाव में मेजर कृष्णा मोहिनी, 1998 में फिर कृष्णा मोहिनी तथा 2000 के उप चुनाव में डा. राजीव बिंदल, वर्ष 2003 व 2007 में फिर डा. राजीव बिंदल ने विधायक बनकर अपने अभेद्य दुर्ग को हिलने नहीं दिया। पुर्नसीमांकन के बाद डा. राजीव बिंदल नाहन चले गए तो वर्ष 2012 व वर्ष 2017 के विधानसभा में डा. धनी राम शांडिल ने कांग्रेसी पताका को यहां फहराया हुआ है। मेजर कृष्णा मोहिनी ही एकमात्र ऐसी महिला थीं कि जो दो बार सोलन से विधायक रहीं। सोलन में भाजपा की टिकट का अभी फैंसला होना है तथा आम आदमी पार्टी की नजर भाजपा व कांग्रेस क ी टिकट फाइनल होने पर टिकी है। आप ने यहां से अपना प्रत्याशी तो उतारना ही है, लेकिन अपने स्तर पर सर्वे व दोनों दलों से नाराज होने वाले किसी दिग्गज नेता को आम आदमी पार्टी मैदान में उतार सकती है। (एचडीएम)

सोलन में 86171 मतदाता

कुल मतदाता 86171

पुरुष मतदाता 44326

महिला मतदाता 41841

थर्ड जेंडर मतदाता 4

कुल मतदान केंद्र 133

सोलन से लगातार तीन बार विधायक रहे हैं राजीव बिंदल

भाजपा से डा. राजीव बिंदल एक मात्र ऐसे प्रत्याशी रहे हैं, जिन्होंने सोलन विधानसभा क्षेत्र से तीन बार लगातार जीत हासिल की। डा. राजीव बिंदल पहली बार वर्ष 2000 में हुए उपचुनावों में विजयी हुए। उसके बाद वर्ष 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में डा. राजीव बिंदल ने दूसरी बार जीत हासिल की। इन चुनावों में उन्होंने बतौर भाजपा प्रत्याशी 15 हजार 332 मत प्राप्त किए। इस चुनाव में डा. बिंदल ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी महेंद्र नाथ सोफत को पराजित किया। महेंद्र नाथ सोफत को बतौर आजाद उम्मीदवार 13,973 मत पड़े थे। उसके बाद वर्ष 2007 के विधानसभा चुनावों में डा. राजीव बिंदल तीसरी बार विधायक बने। इस चुनाव में उन्हें 23597 मिले। इन चुनावों में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी डा. कैलाश पराशर को 3716 मतों से पराजित किया। डा. कैलाश पराशर को 19881 मत पड़े।


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