हिमाचल प्रदेश

28 दिन बाद भी सडक़ न खुलने पर शैंशर घाटी के किसान परेशान

Shreya
8 Aug 2023 6:22 AM GMT
28 दिन बाद भी सडक़ न खुलने पर शैंशर घाटी के किसान परेशान
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कुल्लू: जिला कुल्लू की सैंज घाटी में कुदरत के कहर ने यूं तबाही मचाई है कि यहां के जख्म भरने मुश्किल हो गए हैं। सीजन के समय अब किसान-बागबान बेहद परेशान हो गए हैं। अब किसानों-बागबानों को अपने उत्पाद सडक़ें बंद के कारण पीठ पर उठाकर कई किलोमीटर पैदल चलकर बेचने को लाने पड़े रहे हैं। सैंज घाटी की सडक़ें 28 दिनों से बंद हैं।

टमाटर की फसल तैयार है। अब किसानों को लेबर लगाकर फसल को सब्जी मंडियों के लाना पड़ रहा है। लेबर पीठ पर 25 किलोमीटर पैदल चलकर सब्जी मंडी पहुंच रही है। जानकारी के अनुसार सोमवार को शैंशरेे देऊरीधार के लोगों ने टमाटर को पहले 25 किलोमीटर पैदल चलकर रोपा नामक स्थान पर पहुंचाया। कईकिलोमीटर वाहन में टकोली सब्जी मंडी में टमाटर को बेचने पहुंचाया। (एचडीएम)

क्रेट के देने पड़ रहे 800 रुपए

शैंशर के सनोगी गांव से संबंध रखने वाले किसान नूप राम को रोपा तक मजदूर लगाकर 25 किलोमीटर पैदल चलकर टमाटर पहुंचाने पड़े। यहां पर प्रति क्रेट 800 रुपए ढुलान देना पड़ा। रोपा से आगे शैंशर जाने वाली सडक़ बाढ़ की भेंट चढ़ गई है। ऐसे में किसान परेशान हो गए हैं। हालांकि टकोली सब्जीमंडी में टमाटर 130 रुपए प्रति किलो बिका, लेकिन पीछे पहले 800 रुपए ढुलान मजदूरों को देना पड़ रहा है। वहीं, इसके बाद गाड़ी में टकोली तक लाने के लिए भी किराया देना पड़ रहा है।

सुधारी जाए सडक़ की हालत

वहीं, ग्रामीण गुडडू, सरसा देवी, रूमा देवी, मालती देवी, लिता देवी, बिंदरा देवी व मीरा बाई ने जिला प्रशासन और सरकार से आग्रह किया है कि जल्द बाढ़ से क्षतिग्रस्त रोपा से आगे न्यूली, शैंशर सडक़ की हालात को सुधारी जाए, ताकि किसानों को परेशान न होना पड़े। ग्रामीणों ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में टमाटर व सेब ती फसल तैयार है। अब सब्जी मंडी पहुंचानी मुश्किल हो गई है। उपायुक्त कुल्लू और लोक निर्माण मंत्री से ग्रामीण मिलेंगे और समस्या का समाधान करने की गुहार लगाएंगे।

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