हिमाचल प्रदेश

धर्मशाला में देश के लिए पर्यटन नीति बनाने आए विशेषज्ञ जता गए बड़ी चिंता, कांगड़ा एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग नहीं

Renuka Sahu
22 Sep 2022 6:30 AM GMT
Experts who came to make tourism policy for the country in Dharamsala expressed great concern, no night landing at Kangra airport
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न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com

देश भर में पर्यटन विकास के लिए रोड़ मैप तैयार करने पहुंचे केंद्रीय व राज्य मंत्री और पर्यटन अधिकारी भले ही बड़ा लक्ष्य निर्धारित कर धर्मशाला से लौटे हों, लेकिन धर्मशाला से वापस जाते समय शाम को हवाई अड्डे पर नाइट लैंडिंग की सुविधा न होने पर चिंता जता गए।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश भर में पर्यटन विकास के लिए रोड़ मैप तैयार करने पहुंचे केंद्रीय व राज्य मंत्री और पर्यटन अधिकारी भले ही बड़ा लक्ष्य निर्धारित कर धर्मशाला से लौटे हों, लेकिन धर्मशाला से वापस जाते समय शाम को हवाई अड्डे पर नाइट लैंडिंग की सुविधा न होने पर चिंता जता गए। केंद्रीय पर्यटन मंत्री जीकृष्णा रेड्डी ने तो अपने संबोधन में ही कनेक्टिविटी बढ़ाने और कांगड़ा एयरपोर्ट में नाइट लैंडिग की सुविधा होना जरूरी बताया, लेकिन इस दिशा में किसी भी स्तर पर प्रयास न होने से पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों में खासा रोष है। बुद्धिजीवी वर्ग का कहना है कि प्रधानमंत्री तो पर्यटन विकास की बात कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकारों की गंभीरता न होना बड़ी चिंता की ओर इशारा है। धर्मशाला के लिए एयर क्नेक्टिविटी बढ़ाने की चिंताएं कई वर्षों से चल रही हैं। हवाई अड्डे के विस्तारीकरण की मुहिम भी लंबे समय से चल रही है, सरकार की प्राथमिकता बदल जाने से यह सब ठंडे वस्ते में है। पूर्व में कांगड़ा एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग की सुविधा को लेकर भी बड़े स्तर पर प्रयास शुरू हुए थे। कई बैठकों का दौर भी चला, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई। (एचडीएम)

मंत्री ने धर्मशाला का दिया था उदाहरण
केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी कृष्णा रेड्डी ने सम्मेलन के दौरान कहा था कि एयर, रेल और रोड कनेक्टिविटी में सुधार होने चाहिएं, तभी पर्यटक आकर्षित होंगे। उदहारण के रूप में धर्मशाला जैसे स्थान पर नाइट लैंडिंग की सुविधा होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सिविल एविएशन के सामने आने वाले समय में एक बहुत बड़ी चुनौती होगी।
कन्वेंशन सेंटर के लिए जमीन भी नहीं
पिछले विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने धर्मशाला में बड़ा कन्वेंशन सेंटर बनाने के लिए 150 करोड़ रूपए खर्च करने का ऐलान किया था। इतना ही नहीं, इसे जल्द मूर्त रूप देने के लिए भी मुख्यमंत्री ने आश्वास दिया था, लेकिन हालात ऐसे हैं कि उसके लिए भूमि फाइनल करने सहित अन्य औपचारिकताएं भी पूरी नहीं हो पाई हैं। इससे क्षेत्र के लोगों में रोष है और जनता पर्यटन विकास के दावों को लेकर पोल खोलने लगी है।
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