हिमाचल प्रदेश

स्मार्ट सिटी धर्मशाला में बिना परमिशन कर दी मुख्य सडक़ की खुदाई

Admindelhi1
21 Feb 2024 7:13 AM GMT
स्मार्ट सिटी धर्मशाला में बिना परमिशन कर दी मुख्य सडक़ की खुदाई
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स्मार्ट सिटी धर्मशाला

धर्मशाला: स्मार्ट सिटी धर्मशाला में लगातार हो रहे अनस्मार्ट कार्यों ने करोड़ों रुपए गर्क में डाल दिए हैं। करोड़ों के बजट से बनाई गई कंकरीट व टाइलयुक्त सडक़ों पर लगातार खुदाई की जा रही है, जिसमें सीवरेज, पाइप लाईन बिछाने, निजी कंपनियों की ओर से अंडरग्रांउड केबल बिछाने सहित अन्य कार्यों के लिए बार-बार विभिन्न स्थानों पर सडक़ों को बेरहमी से खोदा जा रहा है। वहीं ताजा मामले में धर्मशाला के रामनगर-श्यामनगर में फायर हाईड्रेंट की लाईन बिछाने के लिए मुख्य सडक़ में ही बिना अनुमति के खुदाई शुरू कर कंकरीट सडक़ को पूरी तरह से उखाड़ दिया है। मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम धर्मशाला ने बिना परमिशन की गई खुदाई पर संज्ञान लिया है। फायर हाईडें्रट के लिए रामनगर में पानी की सप्लाई लाइन के लिए खुदाई की गई है।

रामनगर-शामनगर में छह फायर हाईडें्रट स्थापित किए जा रहे हैं, जिनके लिए पानी की सप्लाई गमरू स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के ट्रीट किए गए पानी की सप्लाई दी जानी है। गमरु एसटीपी से फायर हाईडे्रंट के ट्रीटेड पानी की सप्लाई के लिए लाइन बिछाई जा रही है, जिसके लिए कंक्रीट सडक़ को रामनगर में खोद दिया गया है। जिस पर नगर निगम ने संज्ञान लेकर इस बारे में जल शक्ति विभाग से चर्चा करने की बात कही है। नगर निगम का कहना है कि सडक़ को उखाडऩे के बजाय नाली, कूहल या नाले से भी पाईप लाइन को ले जाया जा सकता था, लेकिन कंक्रीट सडक़ की खुदाई से जनता का पैसा व्यर्थ होता है। उधर, इस बारे में नगर निगम धर्मशाला की मेयर नीनू शर्मा ने कहा कि कल ही मेरे ध्यान में यह मामला आया है, तथा इस संबंध में उनकी नगर निगम कमीशनर से भी बात हुई है। जल शक्ति विभाग द्वारा रास्ते को उखाडक़र पाइपें डाली जा रही है। रास्ते की खुदाई के बजाय, नाली, कूहल या नालों से होकर पाईपों को ले जाया जा सकता था। जल शक्ति विभाग से बात करके काम को बंद करने को कहा जाएगा, और इसके लिए अन्य व्यवस्था की जाएगी। मेयर ने कहा कि रास्ता नगर निगम का है और स्मार्ट सिटी ने काम लोनिवि से करवाया था, और इसके लिए एनओसी भी नगर निगम से ली जानी चाहिए थी। जो भी विभाग नगर निगम में काम करने जा रहा है तो पहले नगर निगम से एनओसी ले, उसके बाद काम शुरू करे, क्योंकि कहीं न कहीं यह पैसा आम जनता का ही व्यर्थ हो रहा है।

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