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हिमाचल प्रदेश
रोज सरफिरे PHONE करके महिला स्टाफ को करते हैं परेशान, जानें कितने रिकार्ड पर..
Gulabi Jagat
16 July 2022 5:49 AM GMT

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हिमाचल प्रदेश न्यूज
धर्मशाला: वन स्टॉप सेंटर यानी 'सखी' केंद्र मनचलों की रडार पर है. दरअसल मनचले यहां काम करने वाली महिला स्टाफ के सोशल प्लेटफॉर्म पर दिए गए नंबरों का मिसयूज कर परेशान कर रहे (Dharamshala One Stop Center) है. रोज करीब 4 कॉल्स ऐसी आती हैं, जिनका हकीकत से कोई वास्ता नहीं होता.
महिला स्टाफ की मजबूरी का फायदा: जानकारी के मुताबिक महिला स्टाफ की एकतरफा मजबूरी का फायदा उठाकर इस तरह के लोग फोन लगाते हैं. हालांकि, हर फोन कॉल का रिकॉर्ड रहता है, लेकिन ऐसे मनचलों को समझाने के अलावा उनके पास कोई दूसरा चारा नहीं रहता. वहीं, महिलाएं बात को आगे इसलिए भी नहीं बढ़ाती बात बिगड़ेगी तो परेशानियों के साथ-साथ काम भी प्रभावित होगा.
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आसानी से मिले जाते नंबर: दरअसल महिला स्टाफ के मोबाइल और लैंडलाइन नंबर को महिला और बाल हिंसाओं के निवारण संबधी शिकायत के लिए उनके केंद्र की वेबसाइट पर डिस्प्ले किया जाता है. बस इसी का फायदा उठाकर सरफिरे नंबर हासिल करके इस तरह की हरकतें करते हैं.ऐसा नहीं कि यहां कोई शिकायत सही नहीं आती, लेकिन कुछ शिकायतें इस तरह की आती हैं, जिसमें लगता है कि सामने वाला सिर्फ टाइम पास करना चाह रहा हो. उसकी शिकायतों का कोई आधार नजर नहीं आता.
परेशान किया जाता: वन स्टॉप सेंटर धर्मशाला की केंद्रीय प्रशासक निशा भार्गव ने बताया कि रोज करीब 3-4 इस तरह की कॉल्स आती है, जिनका मूल शिकायतों से कोई मतलब नहीं होता. सिर्फ परेशान करने के लिए इस तरह के फोन लोग करते हैं. हमारे पास समझाने के अलावा और कोई दूसरा रास्ता नहीं रहता.
62 मनचलों का रिकार्ड : उन्होंने बताया 2018 में इसे शुरू किया गया था, लेकिन पूरा स्टाफ 2021 से मिला.अभी 9 महिलाएं यहा कामकाज करती हैं. 2021 से अभी तक कुल 75 केस आए. जिसमें से 30 मामलों को थाने तक लेकर जाना पड़ा. रोज कई फोन आते हैं ,लेकिन कामकाज के चलते उसे नजरअंदाज करना पड़ता है, लेकिन 62 फोन का रिकार्ड सेंटर में दर्ज है.
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना: वन स्टॉप सेंटर जिसे 'सखी' के नाम से भी जाना जाता है.यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना है. जिसके तहत हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बच्चियों को एक ही स्थान पर अस्थाई आश्रय, पुलिस-डेस्क, विधि सहायता, चिकित्सा एवं काउंसलिंग की सुविधा प्रदान की जाती है. इन्हें एक दूसरे नाम उषा किरण केंद्र से भी जाना जाता है.
2015 को शुरू हुई: वन स्टॉप सेंटर योजना 1 अप्रैल 2015 को हिंसा प्रभवित महिलाओं का समर्थन करने के लिए लागू की गई थी. यह योजना मूल रूप से 'सखी' के नाम से जानी जाती है. इस योजना को महिला और बाल विकास मंत्रालय ने तैयार किया.
सोर्स: etvbharat.com

Gulabi Jagat
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