हिमाचल प्रदेश

18 दिन बाद भी प्रशासन हलौद गांव की सुध लेने नहीं पहुंचा

Harrison
1 Sep 2023 11:33 AM GMT
18 दिन बाद भी प्रशासन हलौद गांव की सुध लेने नहीं पहुंचा
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हिमाचल प्रदेश | 14 अगस्त की सुबह टिक्कर के बाड़ी नाला में बादल फटने से आई भीषण बाढ़ ने बाड़ी टिक्कर गांव से लेकर बल्ह उपमंडल के भडयाल तक भारी तबाही मचाई थी। सैकड़ों बीघे में बोई गई धान की फसल के साथ-साथ उपजाऊ जमीन, गाय, गौशाला, वाहन, स्कूटर, बाइक, सड़कें, पुल और पेड़ इस विनाशकारी बाढ़ की भेंट चढ़ गए। बड़ी टिक्कर और भडयाल में प्रशासन के साथ-साथ जन प्रतिनिधि भी देर से स्थिति का जायजा लेने पहुंचे और उन्हें तिरपाल सहित अन्य जरूरी सामान और राशन किट भी उपलब्ध करवाई गई। बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों को भी आंशिक रूप से मोटर योग्य बनाया गया है, लेकिन इस आपदा में टिक्कर और भडयाल के बीच स्थित बलही और हलौद गांवों में इस भयानक बाढ़ से हुई तबाही पर किसी का ध्यान नहीं गया है। . बलही नाले में आई बाढ़ के कारण नाले में बहने वाली बड़ी-बड़ी चट्टानों के अवरुद्ध होने से नाले का प्रवाह उत्तम चंद के घर की ओर मुड़ गया, उनकी गौशाला और घर के चारों ओर कीचड़ और गाद भर गई। यहां भडयाल से नघरवाड जाने वाली सड़क के नाले पर बने पुल में बड़े-बड़े पत्थर व पेड़ फंसने से पानी का बहाव किनारों को तोड़कर बलदेव, हेमराज, घनश्याम, खेमचंद व चमन लाल के घरों की ओर मुड़ गया। . तबाही मचा दी.
बाढ़ का पानी धान के खेतों से होते हुए लोगों के घरों और गौशालाओं में घुस गया है. जिससे इन घरों में रहने वाले लोग अचानक आई इस विपदा से डर गए। लोगों ने बताया कि पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी को छोड़कर कोई भी नेता व प्रशासन व जनप्रतिनिधि अब तक यहां नहीं आये हैं. घनश्याम शर्मा ने बताया कि नाले की पुलिया में चट्टानें व बड़े पेड़ फंसने से पानी का बहाव कभी भी घरों की ओर आ सकता है। बारिश होने पर भी लोग अपने घरों के बाहर रात गुजार रहे हैं. उन्होंने प्रशासन से अविलंब जेसीबी की मदद से इन चट्टानों और पेड़ों को हटाकर नाले को पुल के नीचे से प्रवाहित करने की मांग की है, ताकि उनके घरों को नाले में आने वाली बाढ़ से बचाया जा सके।
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