हिमाचल प्रदेश

कर्मचारियों को टीबी एक्टिव केस फाइंडिंग के प्रयासों में तेजी लानी चाहिए: उपायुक्तआशुतोष गर्ग

Admin Delhi 1
31 May 2023 8:08 AM GMT
कर्मचारियों को टीबी एक्टिव केस फाइंडिंग के प्रयासों में तेजी लानी चाहिए: उपायुक्तआशुतोष गर्ग
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मनाली न्यूज़: उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग ने मंगलवार को टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत टीबी मुक्त जिले के लिए निर्धारित लक्ष्यों को लेकर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत वर्ष 2025 तक हिमाचल प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए कुल्लू जिले में पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। पंचायतों की ग्राम सभाओं में स्वास्थ्य अधिकारी एवं पैरामेडिकल स्टाफ क्षय रोग के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे तथा क्षय रोग मुक्त पंचायत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उपलब्ध संसाधनों को भी चिन्हित कर उनका उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर गठित टीम में मुखिया सहित उप मुखिया, पंचायत सचिव, चिकित्सा अधिकारी, सीएचओ, आशा कार्यकर्ता, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक को शामिल किया गया है. जागरूकता फैलाने के साथ ही ग्राम पंचायत में एक्टिव केस फाइंडिंग, स्वास्थ्य शिविर लगाकर जागरूकता के लिए सामुदायिक बैठक आयोजित की जाएगी।

बैठक में पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से जिला यक्ष्मा अधिकारी डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि वर्ष 2022 में जिला कुल्लू में कुल 1573 टीबी के मरीज पंजीकृत किये गये तथा वर्ष 2023 में अब तक कुल 596 मरीज पंजीकृत किये जा चुके हैं. जिसमें स्वास्थ्य प्रखंड आनी में 68, बंजार में 68, जरी में 263, नगर में 139 और निरमंड में 58 मामले दर्ज किए गए हैं. उन्होंने कहा कि टीबी संक्रामक रोग है। टीबी का एक ही मरीज 1 साल में 10 से 15 लोगों को संक्रमित कर सकता है और दवा न लेने पर 2 से 3 साल में खुद ही संक्रमण से मर जाता है। उन्होंने सभी अधिकारियों व कर्मियों को निर्धारित समय में टीबी मुक्त हिमाचल का लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी अपने-अपने क्षेत्र में निरीक्षण गतिविधियां बढ़ाएं। क्षय रोग निवारण कार्यक्रम के तहत पंचायत स्तर पर चल रहे क्षय रोग मुक्त पंचायत अभियान की जानकारी देना सुनिश्चित करें, इस कार्यक्रम की प्रचार योजना के अनुसार लक्षित ग्राम पंचायतों, शिक्षण संस्थानों, सामुदायिक संगठनों को इसके जोखिम एवं बचाव की जानकारी दी जाए। तपेदिक के और यदि कोई लक्षण पाए जाते हैं। लेकिन शीघ्र निदान में सहयोग के लिए जागरूकता अभियान की निरन्तरता बनी रहे। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नागराज पवार, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नरेश चंद, जिला पंचायत अधिकारी लाल चंद, विभिन्न बीएमओ व चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थे.

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