हिमाचल प्रदेश

बिजली संशोधन विधेयक के खिलाफ कर्मचारियों ने बोर्ड मुख्यालय के बाहर किया प्रदर्शन, कहा, बड़े घरानों को फायदा पहुंचाने के प्रयास

Renuka Sahu
9 Aug 2022 2:23 AM GMT
Employees protested outside the board headquarters against the Electricity Amendment Bill, said, efforts are being made to benefit big houses
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फाइल फोटो 

बिजली संशोधन विधेयक के खिलाफ कर्मचारियों ने हल्ला बोल दिया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिजली संशोधन विधेयक के खिलाफ कर्मचारियों ने हल्ला बोल दिया है। लोकसभा में लाए गए इस विधेयक के पारित होने पर कर्मचारियों ने बिजली बोर्ड के निजीकरण होने की संभावना जताई है। इस कड़ी में हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इम्प्लाइज यूनियन और विद्युत अभियंताओं ने सोमवार को प्रदर्शन किया। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बिजली बोर्ड के महासचिव हीरा लाल वर्मा ने कहा कि इस संशोधन विधेयक में बिजली आपूर्ति और बिजली नेटवर्क को अलग-अलग कर मोबाइल नेटवर्क की तरह प्रतिस्पर्धा लाने की बात कही जा रही है। इस क्षेत्र में निजी घरानों को बिना पैसा खर्च किए व इच्छा अनुसार मुनाफे बाले क्षेत्रों में बिना लाइसेंस के बिजली बेचने की छूूूट दी जाएगी। इसका सीधा असर मौजूदा व्यवस्था पर पड़ेगा। इससे न केवल बिजली की दरों में इजाफा होगा। इस विधेयक को केंद्र सरकार ने बिजली बोर्ड को निजीकरण के उद्देश्य से लाया जा रहा है।

इससे बिजली बोर्ड का मुनाफे वाला क्षेत्र निजी हाथों में चला जाएगा और क्रॉस सबसिडी खत्म हो जाएगी। बिजली दरें बढऩे से उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। बिजली कर्मचारियों व पेंशनर्ज की सामाजिक सुरक्षा पर भी बड़ा खतरा आ जाएगा। बिजली अभियंता और कर्मचारियों की राष्ट्रीय समन्वय समिति के राष्ट्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को सचेत करना चाहते हैं कि यदि केंद्र सरकार इस बिजली विधेयक को वापस नहीं लेती तो बिजली कर्मचारी और अभियंता आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर और तेज करेंगे। इस दौरान बिजली बोर्ड मुख्यालय के बाहर सैकड़ों कर्मचारी एकजुट होकर विरोध पर उतर आए हैं। इस मौके पर कर्मचारियों ने कहा कि यदि उनकी मांग को अनसुना किया जाता है तो देश भर के कर्मचारी आंदोलन को उग्र करेंगे।
बिजली संशोधन विधेयक कर्मचारी विरोधी
नादौन। केंद्र सरकार द्वारा जल्दबाजी में संसद के मानसून सत्र में पेश किए जा रहे बिजली संशोधन विधेयक 2022 के विरोध में 27 लाख कर्मचारियों ने नेशनल को-ऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इंप्लाइज़ एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर पूरे देश में कार्य का बहिष्कार कर धरना व प्रदर्शन किए। हिमाचल प्रदेश में भी बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं ने प्रदर्शन कर बिजली संशोधन विधेयक का विरोध किया। प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिजली मंत्री आरके सिंह से बिजली संशोधन विधेयक 2022 को पारित करने के विषय में पुनर्विचार करने की अपील की है। उन्होंने संशोधन विधेयक को बिजली क्षेत्र के लिए कर्मचारी विरोधी और सत्यनाशी करार दिया।
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