हिमाचल प्रदेश

स्कूल में शिक्षकों की कमी पर विद्यार्थियों ने किया चक्का जाम, सरकार व शिक्षा विभाग को दी ये चेतावनी

Shantanu Roy
7 May 2023 9:29 AM GMT
स्कूल में शिक्षकों की कमी पर विद्यार्थियों ने किया चक्का जाम, सरकार व शिक्षा विभाग को दी ये चेतावनी
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चम्बा। चम्बा जिला की उपतहसील होली की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लामू में स्टाफ की कमी को लेकर विद्यार्थी अभिभावकों सहित सड़क पर उतर गए। इस मौके पर सरकार व शिक्षा विभाग के खिलाफ नारेबाजी की तथा रिक्त पदों को भरने की मांग की। स्कूल में प्रधानाचार्य समेत टीजीटी का 1, नॉन-मेडिकल, कला अध्यापक 1, पीईटी 1, प्रवक्ता के 5 पद तथा लिपिक के 1 पद समेत कुल 10 पद रिक्त हैं,जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। मौजूदा समय में स्कूल में करीब 200 से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इससे पूर्व अभिभावकों ने स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए कई बार मांग की लेकिन अनदेखी से नाराज विद्यार्थी सड़क पर उतरने को विवश हुए। इस दौरान काफी समय तक वाहनों की आवाजाही भी बंद रही।
इस मौके पर बच्चों के अभिभावकों में पूजा कुमारी, जितेंद्र कुमार, सतीश कुमार, सरोज कुमार व हितेश कुमार ने बताया कि वे बच्चों के भविष्य को अंधकार में डूबता देख चिंतित हैं। इस बारे कई बार ग्रामीण एसएमसी अध्यक्ष की अगुवाई में शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से मिल चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूल में बच्चे इस उम्मीद से आते हैं कि पढ़ाई के लिए शिक्षकों की तैनाती की जाएगी लेकिन शिक्षकों की कमी होने के कारण बच्चों का भविष्य अंधकारमय बना हुआ है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार व शिक्षा विभाग बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित नहीं हैं, जिस कारण शिक्षकों के पद नहीं भरे जा रहे हैं। सरकार ने जल्द शिक्षकों के पद नहीं भरे तो बच्चे वार्षिक परीक्षा में अच्छे अंक नहीं ले पाएंगे। उन्होंने बताया कि अगर यहां शिक्षकों की तैनाती नहीं हुई तो वे स्कूल बंद करने से भी गुरेज नहीं करेंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। बच्चों द्वारा धरने-प्रदर्शन के बाद आसपास के लोग भी मौके पर पहुंचे। शिक्षकों की कमी के कारण कई विद्यार्थी दूसरे स्कूलों में भी पलायन कर गए हैं, जिसके कारण उन्हें दूरदराज के क्षेत्र में किराए पर कमरा लेकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही है। काफी समय के बाद स्कूल के शिक्षकों के आश्वासन के बाद धरने को बंद किया गया।
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