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देवभूमि हिमाचल और उत्तराखंड सीमा पर पुलिस की गैर-मौजूदगी की वजह से नशा तस्करों की बल्ले बल्ले
रोनहाट न्यूज़: हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की अंतर्राज्यीय सीमा पर स्थित सिरमौर के मीनस में पुलिस की मौजूदगी न होने की वजह से अपराधियों और नशा तस्करों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है। इस स्थान पर उत्तराखंड से हिमाचल में प्रवेश करने वाले वाहनों से टोल टैक्स तो वसूल किया जाता है, मगर गैर-कानूनी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए अंतर्राज्यीय सीमा पर पुलिस की कोई व्यवस्था नहीं है। बताते चलें कि स्थानीय लोगों की मांग पर दक्षिणी खंड के तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक हिमांशु मिश्रा द्वारा मीनस में पुलिस सहायता कक्ष खोला गया था। इस दौरान जिन नशा तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था वो सालों बाद भी कानून की सलाखों से बाहर नहीं निकल पाये है। मगर कुछ महीनों पहले अचानक से मीनस में स्थित पुलिस सहायता कक्ष को बंद कर दिया गया है इसके नशा तस्करों की मानो लॉटरी ही खुल गई है।
रोनहाट विकास मंच ने पुलिस महानिदेशक से हिमाचल और उत्तराखंड की अंतर्राज्यीय सीमा पर मीनस में दोबारा पुलिस सहायता कक्ष स्थापित करने की मांग की है ताकि आपराधिक गतिविधियों लगाम लगाई जा सके। सड़क किनारे पानी के स्रोतों के नजदीक जगह-जगह प्रतिबंधित दवाइयों की खाली शीशियां इस बात की सरेआम गवाही देती है की ये जगह नशेड़ियों और नशा तस्करों की सैरगाह बन चुकी है। रोनहाट विकास मंच के महासचिव अनिल पराशर, गोबिंद सिंह, जगत सिंगटा, तुषार पराशर, रिंकु शर्मा, रवि कनियाल, आदित्य पराशर, निट्टू भारद्वाज, सचिन शर्मा, कमल सिंगटा आदि ने बताया कि पुलिस महानिदेशक को अंतर्राज्यीय सीमा पर मीनस से होने वाली गैर कानूनी गतिविधियों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है। जल्द से जल्द पुलिस सहायता कक्ष को पुनः स्थापित करने की मांग की गई है।
उन्होंने बताया की दक्षिणी खंड के पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक सहित पांवटा साहिब के डीएसपी को भी इसके बावत अवगत करवाया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई है की पुलिस के उच्चाधिकारियों द्वारा जल्द मामले पर संज्ञान लेकर मीनस में पुलिस का सख्त पहरा लगाया जाएगा