हिमाचल प्रदेश

सूखे की मार, कुल्लू में 35 फीसदी टमाटर की फसल बर्बाद, उठाना पड़ रहा किसानो को नुकसान

Renuka Sahu
20 Jun 2022 1:59 AM GMT
Due to drought, 35 percent tomato crop wasted in Kullu, farmers are facing losses
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फाइल फोटो 

जिला कुल्लू में सूखे की मार पड़ने से फलों और नगदी फसलों को नुकसान होने लगा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जिला कुल्लू में सूखे की मार पड़ने से फलों और नगदी फसलों को नुकसान होने लगा है। इससे नगदी फसल टमाटर के पौधों का विकास थम गया हैं। साथ ही कई बीमारियों की चपेट में टमाटर की फसल आने लगी है। ऐसे में किसानों को आर्थिक तौर पर नुकसान हो रहा है। फसल के प्रति किसानों को चिंता सताने लगी है। जिला कुल्लू में 35 फीसदी फसल को सूखे के कारण नुकसान हो गया है। टमाटर पर माइट, स्केम ब्लाइट और कई बीमारियों ने भी हमला बोल दिया है। सबसे ज्यादा नुकसान असिंचित क्षेत्रों में हो रहा है, जहां खेती बारिश पर ही निर्भर है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि खेतों में नमी गायब होने से नकदी फसलें बरबाद हो रही हैं।

इससे किसानों की टमाटर सहित अन्य फसलों को भी नुकसान हो रहा है। जिले में करीब 1,500 हेक्टेयर भूमि पर टमाटर की खेती हो रही है। सैकड़ों किसान टमाटर के उत्पादन से अच्छी आमदनी अर्जित कर रहे हैं, लेकिन इस साल मार्च से पर्याप्त बारिश न होने से तमाम फसलों को नुकसान पहुंच रहा है। हालांकि, बीच में बारिश तो हुई है, लेकिन पर्याप्त बारिश न होने से नमी लंबे समय तक नहीं बन पा रही है। अगर बारिश कुछ दिन नहीं होती है तो नुकसान और ज्यादा होगा।
खेतों में सिंचाई करें किसान, तभी बचेंगी फसलें
कृषि विभाग कुल्लू के उपनिदेशक डॉ. पंजवीर ठाकुर ने बताया कि जिन क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा है। किसान खेतों में शाम के समय सिंचाई करें। इससे फसल को सूखे से बचा सकेंगे और पौधों का विकास भी होगा। समय-समय पर कृषि विशेषज्ञों की सलाह से बीमारियों की रोकथाम के लिए दवा का छिड़काव करें। विभाग जागरूकता अभियान में चला रहा है।
इन वैरायटी के टमाटर का उत्पादन
जिला कुल्लू में हिम सोना, मणिक, लाल सोना, यूएस-2853 आदि वैरायटी की पैदावार किसान कर रहे हैं। बाजार में सबसे अधिक मांग गोलाकार और मोटे छिलके के टमाटर की मांग रहती है। मंडियों में हिम सोना टमाटर सबसे अधिक मूल्य पर बिक रहा है। उधर, किसान हेमराज, सुरेश कुमार और योगराज ने बताया कि सूखे के कारण टमाटर की फसल बरबाद होती जा रही है।
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