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हिमाचल प्रदेश
बारिश-बर्फबारी न होने से सूखे जैसे हालात, किसान-बागबान चिंतित
Gulabi Jagat
13 Jan 2023 10:23 AM GMT

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शिमला
मौसम ने एक बार फिर से छल किया है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी बारिश व बर्फबारी के यलो अलर्ट के बावजूूद बादल बिन बरसे ही वापस लौट गए। हालांकि प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी हुई है, लेकिन मैदानी इलाके अभी भी बारिश की बूंदों के लिए तरस गए हैं। बारिश-बर्फबारी न होने से प्रदेश के किसानों-बागबानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। प्रदेश में फिलहाल सूखे जैसे हालत बने हुए हैं। हिमाचल में शुक्रवार से मौसम साफ हो जाएगा। ताजा पूर्वानुमान में मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने मैदानी इलाकों में अब से धुंध और शीतलहर का यलो अलर्ट जारी किया गया है। इससे पहले 11 से 13 जनवरी तक भारी बर्फबारी और 15 जनवरी तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान था, मगर मौसम इस बार अठखेलियां कर रहा है।
इससे विभाग का पूर्वानुमान बार-बार गलत साबित हो रहा है। अब तक अलर्ट के मुताबिक, बारिश-बर्फबारी नहीं हुई। पश्चिमी विक्षोभ बिन बरसे कमजोर नजर आ रहा है। शिमला सहित अन्य इलाकों में भी गुरुवार सुबह से ही धूप खिली हुई है। इससे पहले चार जनवरी को अलर्ट जारी किया गया कि छह और सात जनवरी को प्रदेश में भारी बर्फबारी होगी। तब भी अलर्ट वाले दिन प्रदेश भर में धूप खिली थी। गत 24 घंटे के दौरान कोठी में 15 सेंटीमीटर, हंसा में 10 सेंटीमीटर, तीसा में 12 सेंटीमीटर, केलोंग में 3 सेंटीमीटर, कल्पा व कोकसर में 2-2 सेंटीमीटर ताजा हिमपात हुआ है। इस दौरान मनाली में सबसे ज्यादा 17 मिलीमीटर बारिश, तीसा में 12 मिलीमीटर, भरमौर में 4 सेंटीमीटर ताजा बर्फबारी हुई है।
बागीचों में बीमारियां लगने का डर
बारिश के नाम पर चंबा और लाहुल-स्पीति में ही हल्की बूंदाबांदी हुई है। प्रदेश में जनवरी के पहले 11 दिन में 91 फीसदी और दिसंबर में 98 फीसदी कम बारिश हुई है। इसी तरह दिसंबर महीने में भी लाहुल-स्पीति को छोडक़र राज्य के 11 जिलों में पानी की बूंद तक नहीं गिरी। ऐसे में अब राज्य में सूखे जैसे हालात पनपने शुरू हो गए हैं। किसान-बागबान अपनी फसलों की बुआई नहीं कर पा रहे हैं। सेब बागबान तोलिएं नहीं बना पा रहे। बागबानों को बागीचों में बीमारियां लगने का डर सता रहा है।

Gulabi Jagat
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