हिमाचल प्रदेश

वल्लभ कालेज मंडी की सहायक प्रोफसर डाक्टर तारा ठाकुर ने की नई खोज

Gulabi Jagat
1 Feb 2023 9:19 AM GMT
वल्लभ कालेज मंडी की सहायक प्रोफसर डाक्टर तारा ठाकुर ने की नई खोज
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मंडी
पास्ता खाने के शौकीन दुनियां भर में हैं और अब तो भारत वर्ष में भी युवा व बच्चों में पास्ता फूड्स का क्रेज बहुज अधिक बढ़ चुका है, लेकिन इसे शौक से खाने वाले यह नहीं जानते हैं कि पास्ता में कितने सिंथेटिक व प्रिजर्वेटीव सहित अन्य हानिकारक तत्व होते हैं, जो कि हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाने के लिए बहुत अधिक हैं, लेकिन वहीं अब वल्लभ कालेज मंडी की सहायक प्रोफसर डा. तारा देवी सेन ठाकुर ने हिमाचली जड़ी-बूटियों से बनने वाले पास्ता की खोज कर दी है। हिमाचली पहाड़ों में अमृता के नाम से मशहूर गिलाये और दूधी जड़ी-बूटी से बना पास्ता अब न सिर्फ स्वाद का जायका बढ़ाएगा, बल्कि इस पास्ते के सेवन से कैंसर, मधूमेह, मोटापा और कोलेस्ट्रोल लेबल कम करने में भी सहायता मिलेगी।
जड़ी-बूटियों से तैयार यह पास्ता कई प्रकार के औषधीय गुण देने के साथ ही विभिन्न प्रकार के विटामिन, खनिज और एंटीआक्सिडेंट से भरा हुआ है। इस पौष्टिक पास्ता में शामिल कई चिकित्सीय गुण कई अन्य प्रकार के भी फायदे देंगे और बड़ी-बड़ी कंपनियों के तैयार पास्ता से होने वाले नुकसान से भी मुक्ति मिलेगी। सहायक प्रोफसर डा. तारा देवी ने अपने इस शोध में इस जड़ी बूटियों से बनने वाला पास्ता की विधि तैयार कर इसका पेटेंट करने के लिए भी आवदेन कर दिया है। डा. तारा देवी बताती हैं कि इस पास्ता को गेंहू के आटे, सूची, गिलोये पाउडर और यूफोरबिया हिर्टा पाउडर दूधी और नमक से तैयार किया गया है। कहती हैं कि गिलोये को अमृता के नाम से भी जाना जाता है। इस जड़ीबूटी के ओषधीय गुणों से मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रोल, तेज बुखार, पेट खराब, पेप्टिक अल्सर और कैंसर की बीमारी में लाभ मिलता है। इस जड़ी-बूटी का प्रयोग कई प्रकार की दवाइयों में किया जाता है। इसके साथ ही यूफोरबिया हिर्टा पाउडर (दूधी) जड़ीबूटी का भी इसमें मिलाया गया है। उन्होंने बताया कि इस विधि के पेटेंट के लिए आवदेन किया गया है। एचडीएम
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