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हिमाचल प्रदेश
सम्मेलन में विदेशी मेहमानों को भेंट स्वरूप दी जाएगी गुडिय़ा, जी-20 में हिमाचल की शान बढ़ाएंगी कुल्लवी डॉल्ज
Gulabi Jagat
29 Aug 2023 9:15 AM GMT
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पतलीकूहल:हिमाचल प्रदेश की संस्कृति के लिए यह सबसे बेहतर अवसर होगा, जब दिल्ली में 9-10 सितंबर को होने वाले जी-20 सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू की संस्कृति पर आधारित महिलाओं द्वारा बनाई गई डॉल्ज को विदेशों से आए वीवीआईपी मेहमानों को भेंट स्वरूप दी जाएंगी। एक मॉडल के रूप में हाथों से बनाई गई डॉल्ज में एक जोड़े को बनाया गया है, जो हिमाचल की वेशभूषा को दर्शाता है और एक मॉडल बनाकर महिलाओं ने इस कार्य को किया है। विश्व धरोहर गांव नग्गर की महिलाएं कई प्रकार के खिलौनों को बनाने का काम कर रही हैं, जिसके लिए चैप फांउडेशन (सिविक हैल्थ एंड प्रोग्रेस) महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रही है। चैप की संस्थापक एडवोकेट अपर्णा अग्रवाल ने कहा कि कुल्लू की महिलाओं, जो हथकरधा पर अपने कार्यकुशलता की परिचायक हैं, अब ये क्रोशिया से कई प्रकार के खिलौनों को बना रही हैं, जिसके लिए संस्था उनको डिजाइन व उनके द्वारा बनाए गए उत्पादों को एक सशक्त मंच प्रदान कर रही है।
कुल्लू की महिलाओं ने आठ अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर दिल्ली के प्रगति मैदान में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई और अपने हाथों से बनाए गए कई प्रकार के खिलौने व सजावटी सामान को प्रदर्शित किया। एडवोकेट अपर्णा अग्रवाल ने बताया कि आज इन महिलाओं की कुशलता जी-20 सम्मेलन में भाग लेने वाले करीब 20 देशों के वीवीआईपी को कुल्लवी संस्कृति पर आधारित बनाई गई डॉल्ज को जब विदेशों से आए प्रतिनिधियों को भेंट स्वरूप प्रदान की जाएगी, तो यह हिमाचल वासियों के लिए बड़े गौरव की बात होगी। एडवोकेट अपर्णा अग्रवाल ने कहा कि राज्य हस्तशिल्प एंव हथकरघा निगम निदेशक ने महिलाओं द्वारा बनाई गए कई प्रकार के खिलौने व सजावटी उत्पादों में राज्य जानवर स्नौ लेपर्ड व गद्दी-गद्दन के मॉडल प्राप्त किए। उन्होंने बताया कि महिलाओं द्वारा बनाई कुल्लवी डॉल्ज गद्दी-गद्दन हिमाचली संस्कृति को दर्शाता है और एक चरवाहे की जिंदगी जीने वाले ग्रामीण परिवेश की परिभाषा को उजागर करता है। (एचडीएम)
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