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हिमाचल प्रदेश
जी-20 शिखर सम्मेलन का हिस्सा बनेगा धर्मशाला, जिला प्रशासन के साथ लॉजिस्टिक टीम ने बैठक को लेकर लिया स्थिति का जायजा
Renuka Sahu
19 May 2022 5:37 AM GMT
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फाइल फोटो
वर्ष 2023 में भारत में प्रस्तावित जी-20 शिखर सम्मेलन की एक बैठक धर्मशाला में भी होनी प्रस्तावित है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वर्ष 2023 में भारत में प्रस्तावित जी-20 शिखर सम्मेलन की एक बैठक धर्मशाला में भी होनी प्रस्तावित है। इस महत्त्वपूर्ण बैठक के लिए बुधवार को जी-20 के लॉजिस्टिक सलाहकार अशोक कुमार की अगवाई में एक टीम ने धर्मशाला में शिखर सम्मेलन की प्रस्तावित बैठक को लेकर उपलब्ध व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा मूल्यांकन भी किया। इसके साथ ही जिला प्रशासन के साथ एक आवश्यक बैठक भी आयोजित की गई। उपायुक्त डा. निपुण जिंदल ने कहा कि जी-20 की प्रस्तावित बैठकों को लेकर देश के 33 शहरों सहित धर्मशाला को भी चिन्हित किया गया है। यहां बैठक को लेकर आवश्यक सुविधाओं की जांच के लिए जी-20 की एक टीम ने प्रवास किया। इस दौरान बैठक के आयोजन स्थल, ठहरने इत्यादि की व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। उपायुक्त ने विदेश मंत्रालय की टीम को आश्वस्त किया कि धर्मशाला में सम्मेलन की बैठक के लिए जरूरी बिंदुओं को पूरा करने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। धर्मशाला में अंतरराष्ट्रीय स्तर की बैठक की मेजबानी करना जिला के लिए ही नहीं, अपितु पूरे राज्य के लिए गौरव की बात होगी। उपायुक्त डा. निपुण जिंदल ने कहा कि अगले साल इस सम्मेलन की मेजबानी भारत कर रहा है। इस शिखर सम्मेलन में 20 देशों के राष्ट्राध्यक्ष और अन्य गण्यमान्य प्रतिनिधि आएंगे। सम्मेलन से जुड़ी एक बैठक भी होनी प्रस्तावित है। इस अवसर पर एडीसी गंधर्वा राठौढ़, एडीएम रोहित राठौर, एसडीएम शिल्पी बेक्टा सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे। (एचडीएम)
जी-20 में ये देश हैं शामिल
जी-20 में अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमरीका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
यह है जी-20 की ताकत
जी-20 विश्व की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों और यूरोपीय संघ को साथ लाता है। इसके सदस्य देशों को विश्व की कुल जीडीपी में 80 फीसदी योगदान है, जबकि विश्व व्यापार में इनका 75 फीसदी और विश्व की कुल आबादी में 60 फीसदी हिस्सेदारी है।
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