हिमाचल प्रदेश

स्मार्ट नहीं, सीमैंट सिटी है धर्मशाला: प्रो. चंद्र कुमार

Shantanu Roy
16 April 2023 9:14 AM GMT
स्मार्ट नहीं, सीमैंट सिटी है धर्मशाला: प्रो. चंद्र कुमार
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धर्मशाला। कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने धर्मशाला स्मार्ट सिटी द्वारा चलाए जा रहे प्रोजैक्ट पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि धर्मशाला स्मार्ट सिटी नहीं, बल्कि सीमैंट सिटी है। मैं कोई आदेश करता हूं तो उसकी पालना होनी चाहिए। जब मैं रिव्यू करूंगा तो एक-एक कर्मचारी को खड़ा कर पूछूंगा कि आदेशों का पालन क्यों नहीं हुआ। कृषि एवं पशुपालन मंत्री ने हिमाचल दिवस पर कांगड़ा जिले के धर्मशाला में आयोजित जिला स्तरीय समारोह में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए अपने संबोधन में यह नसीहत दी। उन्होंने पुलिस मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और मार्चपास्ट की सलामी ली। मंत्री ने कहा कि प्रदेश में दूध आधारित कारोबार की व्यवस्था को विकसित करने के लिए 500 करोड़ रुपए की हिम गंगा योजना आरंभ की जा रही है। सरकार कृषि, पशुपालन, बागवानी तथा मत्स्य क्षेत्र में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए 2 प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाएगी। वहीं 200 करोड़ रुपए की राजीव गांधी उच्च शिक्षा प्रोत्साहन योजना शुरू की जा रही है। प्रदेश में एशियन विकास बैंक की सहायता से 1311 करोड़ रुपए की लागत से पर्यटन विकास योजना शुरू की जा रही है।
हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय विधेयक पारित होने के बाद राज्य के 6000 निराश्रित बच्चों को अब चिल्ड्रन ऑफ स्टेट का दर्जा मिला है। इस दौरान मंत्री ने विभिन्न विभागों के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया। समारोह में विभिन्न शिक्षण संस्थानों के बच्चों और सांस्कृतिक दलों द्वारा हिमाचली संस्कृति व देशभक्ति से ओत-प्रोत कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इससे पहले कृषि मंत्री ने शहीद स्मारक में शहीदों को नमन किया। इस दौरान समारोह में मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल एवं किशोरी लाल, विधायक केवल पठानिया तथा मलेंद्र राजन, पूर्व मंत्री विप्लव ठाकुर और पूर्व सीपीएस जगजीवन पाल सहित अन्य मौजूद रहे। टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग अफसरों की कार्यप्रणाली पर भी मंत्री ने सवाल उठाए। उन्होंने जिक्र किया कि कैसे यहां बड़ी-बड़ी इमारती बन गईं। पहले 3 या 4 मंजिल बना दीं, उसके बाद जब प्लानिंग डिपार्टमैंट के पास केस आता है तो कहा जाता है कि उसे रैगुलर कर दो। कुछ लालच तो लोगों में होता ही है, पीछे से डील करके उन्हें नियमित कर दिया जाए, यह प्रवृत्ति ठीक नहीं है। कार्यक्रम में परेड के दौरान एक जवान बेहोश हो गया है। उसे एम्बुलैंस से अस्पताल ले जाया गया।
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