हिमाचल प्रदेश

नाहन शहर के विभिन्न मंदिरों एवं जलाशयों में दीप जलाकर देव दीपावली श्रद्धापूर्वक मनाई गई

Shantanu Roy
20 Nov 2021 8:47 AM GMT
नाहन शहर के विभिन्न मंदिरों एवं जलाशयों में दीप जलाकर देव दीपावली श्रद्धापूर्वक मनाई गई
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कार्तिक मास की पूर्णिमा (kartik Mass Purnima) पर दयोठन यानि देव दीपावली (dev diwali) का आयोजन किया जाता है. इस अवसर पर दीप दान करने की परंपरा चली आ रही है.

जनता से रिश्ता। कार्तिक मास की पूर्णिमा (kartik Mass Purnima) पर दयोठन यानि देव दीपावली (dev diwali) का आयोजन किया जाता है. इस अवसर पर दीप दान करने की परंपरा चली आ रही है. इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा का प्रावधान है.


नाहन में भी देव दीपावली (दयोठन) का पर्व मनाया गया. इस अवसर पर लोगों ने नाहन शहर के प्राचीन शिव मंदिर रानीताल (Shiv Mandir Ranital) में जाकर दीपक जलाकर विधि-विधान से पूजा की. वहीं, रानीताल सहित अन्य तालाबों में भी दीपक विसर्जित किए. ऐसी मान्यता है कि इस दिन दीप दान करने एवं मंदिरों में दीपक प्रज्वलित करने से बैकुंठ धाम (Vaikunth Dham) की प्राप्ति होती है और इंसान के कष्ट भी दूर होते हैं.प्राचीन रानीताल शिव मंदिर के पुजारी पंडित काकूराम शर्मा ने बताया कि देव दीपावली के अवसर पर दीये जलाकर सुख समृद्धि की कामना (wish) की जाती है. माना जाता है कि आज के दिन दीये जलाने से बैकुंठ धाम (Baikunth Dham) की प्राप्ति होती है. बैकुंठ का शाब्दिक अर्थ है- जहां कुंठा न हो. यानी बैकुंठ धाम ऐसा स्थान है जहां कर्महीनता नहीं है, निष्क्रियता नहीं है. कहते हैं कि मरने के बाद पुण्य कर्म करने वाले लोग स्वर्ग या बैकुंठ जाते हैं.


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