हिमाचल प्रदेश

भाजपा के कुनबे में जासूसी तंत्र, कांग्रेस का सीक्रेट प्लान

Gulabi Jagat
14 Oct 2022 2:30 PM GMT
भाजपा के कुनबे में जासूसी तंत्र, कांग्रेस का सीक्रेट प्लान
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शिमला
जन धन बल से कमजोर पड़ी कांग्रेस का सीक्रेट प्लान कामयाब होता हुआ नजर आता है। अति पुष्ट सूत्रों की माने तो कांग्रेस दुश्मन के घर में घुसकर चेक और मेट का खेल, खेलकर मात देने की तैयारी में है। अब यदि बात की जाए हाल ही में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए एक बड़े कद्दावर नेता की, तो जानकारी यह भी मिली है कि कांग्रेस के वीरभद्र खेमे तक कई अहम जानकारियां भाजपा की रणनीति की पहुंची है।
यह रणनीति क्या होगी इसकी जानकारी तो नहीं है। मगर यह वह चेहरे हैं जो किंग की जगह किंगमेकर बनने की तैयारी में है। असल में कांग्रेस में भी दो गुटों में वर्चस्व की जंग चली हुई है। जिसमें वीरभद्र खेमा धीरे-धीरे कमजोर पड़ता जा रहा है। तो वही सुखविंदर सिंह सुक्खू गुट के भारी होते पलड़े को देखते हुए दोनों अपना कद साबित करने में लगे हुए हैं। मजेदार बात तो यह है कि दोनों की मंशा एकजुटता का प्रदर्शन मात्र करते हुए किसी भी तरीके से भाजपा के मिशन रिपीट को रोकना है।
हालांकि मौजूदा समय उपजे हालातों को लेकर भाजपा का रिवाज बदलता नजर नहीं आ रहा है। इसमें कोई शक नहीं है, सरकार ने काम नहीं किया है। बल्कि बहुत से ऐसे कार्य हैं जो मिसाल साबित हुए हैं। बावजूद इसके प्रदेश की राजनीति में डिसाइडिंग फैक्टर माने जाने वाला कर्मचारी वर्ग कहीं से भी सरकार के फेवर में नहीं है। भाजपा के घरों में हुई घुसपैठ को लेकर यदि टिकट आवंटन में भी कथित कांग्रेसी भाजपाइयों को पार्टी तवज्जो देती है, तो निश्चित तौर पर भाजपा की अंतर कलह पार्टी के लिए घातक साबित होगी।
इसका बेहतर उदाहरण पार्टी कांगड़ा प्रकरण में देख चुकी है। आम जनता की अगर मानें तो महंगाई से हर कोई परेशान नजर आता है, एप्पल बेल्ट बाय इलेक्शन वाली स्थिति से भी ज्यादा सरकार से नाराज नजर आती है। लगातार हो रहे प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों को लेकर कानून व्यवस्था से लेकर सभा स्थल पर भीड़ जुटाने को लेकर सरकार द्वारा बनाई जा रही व्यवस्था आम जनता के लिए परेशानी का सबब बन गई है। देखा जाए तो एक बड़े चेहरे पर जनता बड़ी उम्मीदें ही करती है, मगर ट्रेन और रिश्ते नाते बनाकर जनता इतनी प्रभावित नहीं होती है।
ऐसे में जो स्थितियां पैदा कर भाजपा कांग्रेस पर मानसिक दबाव बना रही है मगर लगता नहीं है। बल्कि कांग्रेस और अधिक तनाव मुक्त नजर आ रही है। बरहाल, दिल्ली से आने वाले नेताओं को वही पिक्चर दिखाई जाती है जो राज्य से मैनयूप्लेट की जाती है । देखना अब यह भी होगा कि टिकट आवंटन भाजपा में किस स्तर पर और किन्हें होंगे इसी के बाद कांग्रेस की असली रणनीति का खुलासा हो पाएगा।
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