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हिमाचल प्रदेश
डिपो संचालक मांगों पर अड़े, राहत न मिलने पर गोदामों से राशन न उठाने का लिया है फैसला
Renuka Sahu
3 March 2022 4:26 AM GMT
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फाइल फोटो
प्रदेश के डिपो संचालकों ने लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर पहली मार्च से दस मार्च तक निगम के गोदामों से राशन न उठाने का निर्णय लिया है, जिसके बारे में प्रदेश डिपो संचालक समिति ने उपमंडल दंडाधिकारी घुमारवीं के माध्यम से सात फरवरी को मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर अवगत करवा दिया था कि यदि 28 फरवरी तक प्रदेश के डिपो संचालकों की दयनीय आर्थिक स्थिति को देखते हुए स्थायी नीति नहीं बनाई गई और पीओएस मशीनों में कनेक्टिविटी बहाल नहीं की गई, तो प्रदेश के डिपो संचालक निगम के गोदामों से राशन नहीं उठाएंगें।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रदेश के डिपो संचालकों ने लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर पहली मार्च से दस मार्च तक निगम के गोदामों से राशन न उठाने का निर्णय लिया है, जिसके बारे में प्रदेश डिपो संचालक समिति ने उपमंडल दंडाधिकारी घुमारवीं के माध्यम से सात फरवरी को मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर अवगत करवा दिया था कि यदि 28 फरवरी तक प्रदेश के डिपो संचालकों की दयनीय आर्थिक स्थिति को देखते हुए स्थायी नीति नहीं बनाई गई और पीओएस मशीनों में कनेक्टिविटी बहाल नहीं की गई, तो प्रदेश के डिपो संचालक निगम के गोदामों से राशन नहीं उठाएंगें। प्रदेश के डिपो संचालक अपनी इन मांगों को लेकर पहली से दस मार्च तक राशन न उठाने पर अडिंग हो गए हैं।
प्रदेश डिपो संचालक समिति के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कवि ने जारी बयान में कहा कि प्रदेश डिपो संचालक समिति पिछले करीब चार वर्षों से शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रखते आ रही हैं, लेकिन सरकार हमारी इन जायज मांगों को निरंतर नजरअंदाज कर रही हैं। इसी से नाराज प्रदेश के डिपो संचालकों ने मजबूर होकर यह निर्णय लिया है। अशोक कवि ने कहा कि सरकार डिपो संचालकों की जायज मांगें मानने की बजाय विभागीय अधिकारियों के माध्यम से डिपो संचालकों को धमका कर लोकतंत्र की हत्या करने का जो प्रयास कर रही है, वह किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। प्रदेशाध्यक्ष ने सरकार से आग्रह किया है कि सरकार हमारी मांगों पर शीघ्र गौर करके इसकी अधिसूचना जारी करें, अन्यथा अप्रैल माह से प्रदेश के सभी डिपो संचालक अनिश्चितकाल के लिए निगम के गोदामों से राशन उठाना बंद कर देंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार व विभाग की होगी।
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