हिमाचल प्रदेश

विधायकों को अयोग्य ठहराने की कांग्रेस की याचिका पर मानसून सत्र से पूर्व फैसला संभव

Shantanu Roy
23 July 2022 9:36 AM GMT
विधायकों को अयोग्य ठहराने की कांग्रेस की याचिका पर मानसून सत्र से पूर्व फैसला संभव
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शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष विपिन परमार ने शुक्रवार को कहा कि वह पिछले महीने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले दो निर्दलीय विधायकों को अयोग्य ठहराने की कांग्रेस की याचिका पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि वह 10 अगस्त से शुरू हो रहे मानसून सत्र से पहले इस पर फैसला लेने की कोशिश करेंगे। परमार ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''मैं याचिका का अध्ययन करूंगा। उसके बाद ही मुझे पता चल पाएगा कि उन्होंने क्या कहा है। याचिका का अध्ययन करने के बाद नियमों के अनुसार इस पर निर्णय लिया जाएगा।'' अध्यक्ष ने कहा कि वह आगामी मानसून सत्र शुरू होने से पहले इस याचिका पर निर्णय लेने की कोशिश करेंगे। कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश इकाई ने आठ जून को सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हुए देहरा के विधायक होशियार सिंह और जोगिंदर नगर से विधायक प्रकाश राणा को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए अध्यक्ष के समक्ष बृहस्पतिवार को याचिका दायर की।

रामपुर के विधायक और कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के सचिव नंद लाल के जरिए दायर याचिका में कांग्रेस ने कहा कि विधायक संविधान की घोर अवहेलना करते हुए भाजपा में शामिल हुए और यह दल-बदल रोधी कानून का उल्लंघन है। पार्टी ने कहा कि संविधान की 10वीं अनुसूची के खंड दो के उपखंड दो के तहत किसी निर्दलीय विधायक का निर्वाचित होने के बाद किसी दल में शामिल होना निषिद्ध है। कांग्रेस ने याचिका में कहा '' हमारा अनुरोध है कि दोनों विधायकों को हिमाचल प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया जाए।'' गौरतलब है कि दोनों निर्दलीय विधायक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हो गए थे। बहरहाल, राज्य विधानसभा की आधिकारिक वेबसाइट पर दोनों विधायकों को निर्दलीय ही दिखाया गया है। वेबसाइट पर 68 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 43 विधायक, कांग्रेस के 22 विधायक और दो निर्दलीय तथा माकपा का एक विधायक दिखाया गया है।हिमाचल प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और इस विधानसभा का आखिरी मानसून सत्र 10 से 13 अगस्त तक चलेगा।
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