हिमाचल प्रदेश

हिमांचल बैठक में फैसला: किसान-बागवान 28 मार्च को प्रदेश भर में करेंगे प्रदर्शन

Kunti Dhruw
8 March 2022 6:47 PM GMT
हिमांचल बैठक में फैसला: किसान-बागवान 28 मार्च को प्रदेश भर में करेंगे प्रदर्शन
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बजट में किसान-बागवानों की अनदेखी और सौतेले व्यवहार का आरोप लगाकर संयुक्त किसान मंच ने आरपार की लड़ाई का एलान कर दिया है।

बजट में किसान-बागवानों की अनदेखी और सौतेले व्यवहार का आरोप लगाकर संयुक्त किसान मंच ने आरपार की लड़ाई का एलान कर दिया है। मंगलवार को शिमला में आयोजित बैठक के दौरान प्रदेश भर के 13 किसान-बागवान संगठनों के प्रतिनिधियों ने आम सहमति से यह फैसला लिया है। मंच के संयोजक हरीश चौहान ने बताया कि 28 मार्च को प्रदेश भर में ब्लॉक, तहसील और उपमंडल स्तर पर प्रदर्शन होंगे और सरकार को मांग पत्र भेजा जाएगा। सरकार अगर मांगों की अनदेखी करती है तो प्रदेश स्तरीय आंदोलन शुरू किया जाएगा जो आगामी विधानसभा चुनावों तक जारी रहेगा। बैठक में मंच के 15 सूत्रीय मांग पत्र पर चर्चा की गई।

किसानों ने विशेष रूप से प्रदेश में खाद, फफूंदनाशक, कीटनाशक और अन्य लागत वस्तुओं की कीमतों में 40 से 100 फीसदी वृद्धि पर चिंता जताई। मंच की ओर से पिछले छह महीनों से उठाई जा रही मांगों को लेकर सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये पर भी नाराजगी जताई गई। हरीश चौहान ने बताया कि खाद का एक बैग जो 850 रुपये में मिलता था, उसकी कीमत इस वर्ष 1740 रुपये कर दी गई है। कीमतें बढ़ने के अलावा प्रदेश के अधिकांश भागों में खाद उपलब्ध ही नहीं है। मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सरकारी एजेंसियों की ओर से खरीदे गए सेब का लंबित 65 करोड़ का भुगतान न होने पर भी मंच ने कड़ी नाराजगी जताई है।
ये हैं मांगें
सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर कानूनी रूप से लागू हो.
मंडी मध्यस्थता योजना में ए,बी,सी ग्रेड सेब की 60, 44 और 24 रुपये प्रति किलो खरीद हो.
एपीएमसी कानून सख्ती से लागू कर परदे में बोली पर रोक लगे.
बैरियरों पर ली जा रही मार्केट फीस बंद हो.
आढ़तियों, लदानियों के पास बकाया पैसे का तुरंत भुगतान हो.
निजी कंपनियों के सीए स्टोर में बागवानों का 25 फीसदी सेब रखने का प्रावधान सख्ती से लागू हो.
सेब की पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले कार्टन और ट्रे की बढ़ीं कीमतें वापस हों.
प्राकृतिक आपदा से फसलों को होने वाले नुकसान का तुरंत मुआवजा दिया जाए.
बढ़ती महंगाई और मालभाड़े की बढ़ीं दरें वापस ली जाएं।
खाद, बीज, कीटनाशक, फफूंदनाशक दवाओं पर सब्सिडी बहाल हो.
कृषि बागवानी उपकरणों एंटी हेलनेट, टिलर की सब्सिडी तुरंत जारी हो.


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