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हिमाचल प्रदेश
समान अवसर मिलने पर भी बेटों से ज्यादा हैं बेटियों की उपलब्धियां: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
Gulabi Jagat
11 Jun 2022 5:50 AM GMT
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कही ये बात
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह में शुक्रवार को धर्मशाला पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश और प्रदेश की बेटियों का गुणगान किया। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि समान अवसर मिलने के बावजूद बेटों की अपेक्षा बेटियों की उपलब्धियां अधिक हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि दीक्षांत समारोह में पदक विजेताओं में बेटियों की संख्या बेटों से दोगुनी है।
यही नहीं, अभी हाल में ही आए सिविल सर्विसेज परीक्षा में पहले तीन स्थान हमारी बेटियों ने हासिल किए हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में सदैव सीखने का उत्साह बनाए रखना चाहिए। विद्यार्थियों की उपलब्धियों में किसी न किसी रूप में समाज का भी योगदान रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि समाज का आपके ऊपर ऋण है। इसे चुकाने के लिए आपको हर तरह से तैयार रहना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे भारत की शिक्षित, अनुशासित एवं संकल्पशील युवा शक्ति के विवेक पर भरोसा है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा किसी राष्ट्र रूपी भवन की आधारशिला होती है। लिहाजा शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो विद्यार्थियों में न केवल बौद्धिक क्षमताओं और कौशल का विकास करे, बल्कि नैतिक मूल्यों और चरित्र को भी मजबूत बनाए। उन्होंने इस बात पर भी विशेष बल दिया कि शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी किसी भी समाज के विकास का महत्वपूर्ण मानक होता है। राष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की मंच से प्रशंसा भी की।
1. 486 मेधावियों को डिग्रियां और मेडल प्रदान किए
2. राष्ट्रपति ने 10 मेधावियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए
3. छात्राओं ने 46, छात्रों ने 23 गोल्ड मेडल हासिल किए
हिमाचल बलिदानियों की धरती, यहां के स्नेही लोग मुझे करते हैं आकर्षित
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देवभूमि हिमाचल की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक सौंदर्य और अध्यात्म प्रसन्नता देता है। हिमाचल तिरंगे के लिए जान न्योछावर कर देने वाले बलिदानियों की धरती है। धर्मशाला शक्तिपीठों तथा आध्यात्मिक केंद्रों की भी स्थली है। उन्होंने कहा कि हिमाचल से मेरा नाता 48 वर्षों से है। मुझे याद है पहली बार मैं वर्ष 1974 में हिमाचल आया था।
यहां का प्राकृतिक सौंदर्य तथा स्नेही लोग मुझे बार-बार आकर्षित करते रहे हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसाओं के अनुसार अनेक प्रणालियों को लागू करने की पहल की है। नीति आयोग द्वारा जारी किए एसडीजी इंडेक्स 2020-21 के अनुसार उच्चतर माध्यमिक स्तर पर जीईआर की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश का देश में सर्वोच्च स्थान है। क्वालिटी एजुकेशन के मानक पर प्रदेश का भारत में दूसरा स्थान है। यह उपयुक्त समय है कि विश्वविद्यालय का एलुमनाई एसोसिएशन सक्रिय हो और उसका वार्षिक या दो वर्षों में एक बार समागम भी आयोजित हुआ करे।
इन्हें मिली पीएचडी की उपाधि
प्रवीन कुमार, अब्दुल रिशाद, भूषण सिंह, अखिल शर्मा, विकास कुमार, संदीप शर्मा, सत्यजीत सिन्हा, अरुण भाटिया, डॉ. रीता कुमारी, गीता कुमारी, मोनिका, डॉ. सुरेश कुमार, विशाल शर्मा, राहुल आर्या, सविता रानी, प्रतीक, सुमन शर्मा, प्रकाश कुमार, रोहित्सव, शिक्षा ठाकुर, डॉ. सुनील, मीनाक्षी हीरा, आनंद गिरी, दीपिका कौशल, मुधलिका, प्रवीन, स्वाति, शालिनी, शिखा, आशीष, दीक्षित, गजल शर्मा, शंकिता, डॉ. सुरेश, खुशमाक्सी, तिपेंद्र सिंह, जितिन, केश्व, रविंद्र, कमल, अंबरीन, अश्वनी, डॉ. चेतराम, किस्मत कुमार व सारिका है।
इन्हें मिला गोल्ड मेडल
गीतिका, अंकुश मन्हास, वंशिता शर्मा, मोहित ठाकुर, अरविंद कुमार गर्ग, प्रभाश शर्मा, अजीरा, पवन कुमार, आरुषि शर्मा, पूनम, अलका, मनीषा, शिवानी, सोनाली, हरीश कुमार, अखिल पठानिया, यशपाल, हरिश आजाद, दीवांशी ठाकुर, शिवानी, राहुल शर्मा, सिमरन, हिताक्षी कायस्था, माधुरी, मधुकर, शिल्पा देवी, तनिश कुमारी, उमंग अरोड़ा, कृष्णा खरवाल, आशिता सूद, मनीषा कुमारी, अक्षिता थापा, सुकांश अवस्थी, संदीप ठाकुर, रेखा देवी, अतुल पठानिया, यक्षा वर्मा, व्यासो राम, शिवानी देवी, हरपिंद्र कौर, डोली शर्मा, नूपुर ठाकुर, अंकिता, अमित कुमार, आकांक्षी सिंह, काजल शर्मा, सोनाली अवस्थी, रितिका शर्मा, हर्षिता पंत, आशीष अग्रवाल, तंजिन छुकित, प्रवेश कुमार, प्रिया नागर, बबली, दीपांशी अवस्थी, साहिल कौशल, ज्योति ठाकुर, साक्षी कुमारी, मोनिका, विशाली शर्मा, बिक्रम राणा, नेहा शर्मा, आयुषी गौतम, दिव्या, सोनाक्षी, लक्की शर्मा, अखिल, हरिश कुमार
शोध कर देश के लिए चुनौती बन चुकी समस्याओं से पार पाएंगे मेधावी
केंद्रीय विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह में सीयू के पांच मेधावियों को प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के हाथों पीएचडी की डिग्री मिली। अनुभव साझा करते हुए विद्यार्थियों ने कहा कि इस पल को कभी नहीं भूलेंगे। उन्होंने बताया कि अध्ययन के दौरान कई समस्याएं उनके ध्यान में आईं। पीएचडी के शोध के दौरान इन समस्याओं पर गहराई और विस्तृत ढंग से अध्ययन करने का अवसर मिला। पीएचडी में शोध के दौरान जो महत्वपूर्ण सूत्र उनके हाथ लगे हैं, पीएचडी के बाद भी उन पर अनुसंधान जारी रहेगा।
आंबेडकर के योगदान की कोई अंतिम सीमा नहीं : डॉ. किस्मत
'बुद्ध की शरण में डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर: एक अध्ययन' विषय पर शोध करने वाले डॉ. किस्मत कुमार ने कहा कि राज्यपाल के हाथों सम्मान पाना जीवन का स्वर्णिम पल है। सामान्य परिवार से आने वाले किस्मत कुमार का परिवार खेतीबाड़ी करता है। उन्होंने बताया कि आंबेडकर के जीवन को समझने के लिए उनके जीवन पर शोध की हमेशा आवश्यकता रहेगी।
आंबेडकर के चिंतन पर जल्द एक किताब लिखेंगे : डॉ. चेतराम
'भीमराव आंबेडकर के चिंतन में भारत विभाजन का विश्लेषणात्मक अध्ययन' विषय पर शोध करने वाले डॉ. चेतराम ने बताया कि आंबेडकर नहीं चाहते थे कि भारत-पाकिस्तान का विभाजन हो। मगर उस समय मुस्लिम लीग और ब्रिटिश नीतियों के कारण मुस्लिम सांप्रदायिकता काफी बढ़ गई थी। देश की एकता के लिए वह खतरा बन गई थी। जल्द आंबेडकर पर किताब लिखेंगे।
चित्रपटा कला की तिब्बत यात्रा और पुन: भारत वापसी पर किया शोध: डॉ. सारिका
'मोरैलिटी एंड एथिक्स इन दि कोंटिनुअम ऑफ बुद्धिस्ट पेंटिंग्ज फ्रॉम अजंता केव्स टू थंका पेंटिंग्ज: ऐन एनालिसिस फ्रॉम आर्टिस्ट्स परस्पेक्टिव' विषय पर शोध करने वाली डॉ. सारिका कटोच ने बताया कि उनके लिए ये बेहद गौरव के क्षण हैं। उन्होंने अनुसंधान किया है कि बौद्ध काल में किस तरह से चित्रपटा चित्रकला भारत से तिब्बत जाती है और तिब्बत से पुन: भारत पहुंची है।
कार्बन डाइऑक्साइड पर जारी रहेगा शोध: डॉ. आंनद
'कार्बन डाइऑक्साइड कैप्चर एंड यूटिलाइजेशन' पर शोध कर उत्तराखंड के डॉ. आनंद गिरि ने शोध में कार्बन डाइऑक्साइड से कैल्शियम कार्बोनेट और सीमेंट प्राप्त किया था। फिलहाल वह आईआईटी रुड़की में पोस्ट डॉक्टरल फेलो हैं। उन्होंने बताया कि चुनौती बन चुके कार्बन डाइऑक्साइड पर शोध कर वह इसे लाभदायक बनाने के लिए लगातार शोध करते रहेंगे।
हिमाचल में पर्यटन विकास के लिए करेंगे प्रयास: डॉ. संदीप
'डेस्टीनेशन इमेज ऑफ हिमाचल प्रदेश: ए फॉरन टूरिस्ट्स परस्पेक्टिव' विषय पर शोध पूरा करने वाले डॉ. संदीप कुमार ने बताया कि राज्यपाल के हाथों सम्मान पाकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने बताया कि वह भविष्य में भी हिमाचल प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र की चुनौतियों और संभावनाओं पर शोध करते रहेंगे। अकादमिक क्षेत्र में रहकर वह इस शोध को आगे बढ़ाएंगे।
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