हिमाचल प्रदेश

डरोह का गदियाड़ा श्मशानघाट मांग रहा 'मोक्ष'

Shantanu Roy
15 Oct 2022 10:01 AM GMT
डरोह का गदियाड़ा श्मशानघाट मांग रहा मोक्ष
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बड़ी खबर
डरोह। हिमाचल प्रदेश में श्मशानघाटों में नई सुविधाएं विकसित के लिए सरकार द्वारा मोक्षधाम योजना चलाई गई है, ताकि शोकाकुल परिजन अपने प्रियजनों के शरीर के पंच तत्त्वों के विलय की प्रक्रिया को धार्मिक परंपराओं के अनुरूप निर्बिघ्न रूप से कर सकें । ऐसे में डरोह के गदियाड़ा का श्मशानघाट अपनी बदहाली पर आंसू बहा कर खुद मोक्ष मांग रहा है। ग्रामीणों के अनुसार श्मशानघाट की हालत जर्जर हो चुकी है। शवों को जलाने के लिए बनाया गया शैड कभी भी गिर सकता है। ऐसे में अंतिम संस्कार में आए लोगों को हर पल हादसे का डर लगा रहता है।वहीं, श्मशानघाट में अस्थियां धोने के लिए पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है।
उधर, अंतिम संस्कार में आए लोगों के बैठने के लिए भी बैंच नहीं हैं। बरसात में दिनों में ग्रामीणों की दिक्कतें और बढ़ जाती है। श्मशानघाट को जाने वाले रास्ते पर भूमि कटाव होने से फिसलन के बीच गुजरना खतरे से खाली नहीं है। गदियाड़ा श्मशानघाट डुहकी, पीटीसी, बसकेहड़ और डरोह बाजार के एरिया को कवर करता है। वहीं, ग्रामीणों के अनुसार मोक्ष धाम में लकडिय़ां रखने के लिए स्टोर न होने से बरसात में मुर्दों को जलाने के लिए खुद अपनी जान दाव पर लगाकर लकडिय़ां काटनी पड़ती है। अगर सरकार की मोक्ष धाम योजना गदियाड़ा श्मशानघाट तक भी पहुंच जाए, तो लोगों को दिक्कतों से छुटकारा मिल सकता है।
कभी भी गिर सकता शैड
सरकार हर जगह विकास का अलाप जप रही है, लेकिन हम अगर डरोड के गदियाड़ा के श्मशानघाट की बात करें तो सारी बातें हवा लगती है। बरसों से जर्जर श्मशानघाट में अंतिम संस्कार किया जा रहा है। ग्रामीणों के अनुसार मुर्दों को जलाने वाला शैड गिरने के कगार पर है। अंतिम संस्कार में सरकार के नेताओं से लेकर प्रशासनिक अधिकारी भी आते हैं, लेकिन उनकी नजर इस जर्जर श्मशानघाट पर नहीं पड़ी।
बरसात से रास्ते को नुकसान
बरसात के मौसम में बारिश से श्मशानघाट को जाने वाले रास्ते को काफी नुकसान पहुंचा हैं, लेकिन आज तक इस रास्ते की मरम्मत नहीं की गई है। अगर किसी की मौत हो जाए तो ग्रामीणों को खुद अंतिम संस्कार के लिए श्मशानघाट तक जाना मुश्किल हो जाता है।
गेट के साथ पार्क बनाने की मांग
ग्रामीणों ने सरकार से मोक्षधाम योजना के तहत गदियाड़ा श्मशानघाट में एक सुंदर गेट के साथ पार्क बनाने की मांग की है, ताकि अंतिम संस्कार में आए बाहर के लोगों को सारी सुविधाएं मिल सकें। वहीं, जर्जर हो चुके शैड की जगह नया शैड बनाया जाए। पानी के साथ बैंच की भी व्यवस्था की जाए।
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