हिमाचल प्रदेश

हिमाचल में ओलावृष्टि से करोड़ों की फसलें तबाह, सरकार ने नुकसान की रिपोर्ट मांगी

Renuka Sahu
4 May 2022 3:55 AM GMT
Crores of crops destroyed due to hailstorm in Himachal, government sought damage report
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फाइल फोटो 

हिमाचल में मूसलाधार बारिश और बर्फबारी से सेब, गेहूं और मटर की फसल को नुकसान हुआ है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल में मूसलाधार बारिश और बर्फबारी से सेब, गेहूं और मटर की फसल को नुकसान हुआ है। जिला कांगड़ा के इंदौरा में सैकड़ों क्विंटल गेहूं बारिश में भीग गया जबकि जिला मंडी के करसोग, सुंदरनगर में मटर की फसल को नुकसान हुआ है। ऊपरी शिमला के 5500 फीट की ऊंचाई वाले क्षेत्र में बारिश और ओलावृष्टि से सेब की फसल को नुकसान हुआ है। इसमें ठियोग, चौपाल, रामपुर, रोहड़ू और कोटखाई क्षेत्र शामिल हैं जबकि इससे निचले क्षेत्रों में बारिश होने से बागवानों के चेहरे खिल गए हैं। बारिश से सेब का आकार बढ़ेगा। वहीं, प्रदेश सरकार ने बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान की रिपोर्ट मांगी है। बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर कहा है कि कुछ स्थानों पर फसलों को नुकसान हुआ है।

हिमाचल के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब का आकार अखरोट के बराबर हो गया है। ओलावृष्टि से इनमें दाग पड़ गए हैं। शिमला शहर से सटे शोघी, संकटमोचन, तारादेवी, ढांडा के निचले इलाकों, जुन्गा, मैहली आदि के ग्रामीण इलाकों में सब्जियों की फसलों को नुकसान हुआ है। इन क्षेत्रों में शिमला मिर्च, टमाटर और बीन की फसल में इन दिनों फ्लावरिंग चल रही है। ओलों के चलते कई जगह फसलों के पत्ते तक झड़ गए हैं। एक घंटे तक चली ओलावृष्टि के चलते जिले में करोड़ों रुपये की फसलें तबाह हो गई हैं। पिछले दो महीने से सूखे की मार झेल रहे किसानों और बागवानों के लिए रविवार दोपहर बाद बारिश तो शुरू हुई लेकिन अचानक ओलों ने चंद मिनट में ही सालभर की कमाई खत्म कर दी।
ऊझी घाटी के कई क्षेत्रों में गिरे ओले, सेब को नुकसान
वहीं, जिला कुल्लू में सूखे की मार के बाद अब ओलावृष्टि ने सेब समेत अन्य फलदार पौधों को नुकसान पहुंचाया है। इस ओलावृष्टि ने बागवानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। मंगलवार दोपहर बाद कुल्लू के कई इलाकों में बारिश हुई है। जिसके साथ ऊझी घाटी के शिरढ़, रायसन, त्रिशड़ी और बनोगी के आसपास क्षेत्रों में भारी ओलावृष्टि हुई। इससे सेब सहित अन्य फलों को क्षति हुई है। ओलावृष्टि से पौधों पर लगे फल और पत्ते पेड़ से नीचे गिर गए। साथ ही पौधों पर फल काफी दागी हो चुके हैं। इससे बागवानों को खासा नुकसान हुआ है। बागवान पहले ही सूखे के कारण नुकसान झेलना पड़ा है। अब ओलावृष्टि से क्षति हुई है। जिससे बागवानों को लाखों का आर्थिक नुकसान हुआ।
उधर, फलोत्पादक मंडल कुल्लू के अध्यक्ष प्रेम शर्मा ने कहा कि ऊझी घाटी के कई क्षेत्रों में बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई है। इससे सेब समेत अन्य फलदार पौधों को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा जिन क्षेत्रो में बागवानों ने बगीचों में हेलनेट लगाए हैं, उनके पौधे ही ओलावृष्टि से बच पाए हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आकलन कर मुआवजे की मांग की है। उधर, बागवानी विभाग कुल्लू के उपनिदेशक डॉ. बीएम चौहान ने कहा कि जिन क्षेत्र में ओलावृष्टि हुई है वे बागवान विशेषज्ञों से सलाह लें और बगीचे में छिड़काव करें। उन्होंने कहा ओलावृष्टि से पेड़ों में आए छोटे फलों को नुकसान हुआ है, जबकि पत्ते भी पेड़ों से नीचे गिर गए हैं।
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