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हिमाचल प्रदेश
नए बैच टेस्टिंग के लिए एनआइवी भेजेगा सीआरआइ, नए स्ट्रेन को शामिल कर कोविड एंटी सीरम पर होगा शोध
Gulabi Jagat
7 Aug 2022 3:54 PM GMT

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कोविड एंटी सीरम पर अब नए सिरे से शोध होगा। इसमें कोरोना के नए स्ट्रेन को शामिल किया जाएगा। हालांकि, अब तक का शोध उत्साहवर्धक रहा है। सोलन स्थित केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआइ) कसौली व नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलोजी (एनआइवी) पुणे इस पर काम कर रहे हैं। सीआरआइ में दो वर्ष से शोध किया जा रहा है।
संस्थान ने तीन ट्रायल बैच तैयार कर पिछले वर्ष एनआइवी पुणे भेजे थे, जहां पता लगाना था कि सीरम वायरस को निष्क्रिय करने में कितनी कारगर है। परिणाम सकारात्मक आए थे। हालांकि, वे बैच उस समय के स्ट्रेन को देखते हुए तैयार किए थे, उसके बाद कोरोना के नए स्ट्रेन आए हैं, इसलिए अब नए तरीके से अतिरिक्त स्ट्रेन को अनुसंधान का हिस्सा बनाकर फिर से ट्रायल बैच तैयार कर टेस्टिंग के लिए पुणे भेजे जाएंगे।
विशेषज्ञ समिति ने दिया सुझाव
सीआरआइ कसौली के सहायक निदेशक डा. यशवंत कुमार ने बताया कि एनआइवी पुणे की विशेषज्ञ समिति ने यह सुझाव दिया है। कोविड एंटी सीरम उन रोगियों को दी जाएगी, जो अस्पताल में गंभीर अवस्था में भर्ती होंगे। वैक्सीन की तरह यह हर किसी को नहीं दी जाएगी। सीरम बनाने के लिए सीआरआइ व एनआइवी पुणे के बीच समझौता ज्ञापन हुआ है।
क्या है एंटी कोविड सीरम
संस्थान के एंटी सीरा सेक्शन में घोड़ों से खून लेकर एंटी सीरम के टीकों को विकसित किया जाता है। एंटी सीरम एक रक्त सीरम है, जिसमें एक वायरस के खिलाफ एंटीबाडी होते हैं, जो संक्रमण को रोकने या इलाज करने के लिए इंजेक्ट किए जाते हैं। सर्पदंश व कुत्ते के काटने पर एंटी रेबीज व एंटी स्नेक वीनम सीरम का टीका लगाया जाता है। यह शरीर में जाकर सीधे वायरस को खत्म करना शुरू कर देती है। इसमें ज्यादा समय नहीं लगता, क्योंकि पहले से तैयार एंटीबाडी होते हैं। वैक्सीन शरीर में जाकर पहले एंटीबाडी तैयार करती है।

Gulabi Jagat
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