हिमाचल प्रदेश

कोर्ट ने नाबालिग बेटी के साथ दुराचार के दोषी पिता को सुनाई 20 साल की सजा, ठोका 50 हजार का जुर्माना

Renuka Sahu
1 Jun 2022 5:01 AM GMT
Court sentences father to 20 years in prison for misbehaving with minor daughter
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फाइल फोटो 

हिमाचल प्रदेश के मंडी में अदालत ने नाबालिग के साथ दुराचार के दोषी आरोपी पिता को विभिन्न धाराओं में 20 वर्ष के कारावास की सजा के साथ जुर्माने की सजा सुनाई है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल प्रदेश के मंडी (Mandi) में अदालत ने नाबालिग के साथ दुराचार के दोषी आरोपी पिता को विभिन्न धाराओं में 20 वर्ष के कारावास की सजा के साथ जुर्माने की सजा सुनाई है (Life Imprisonment to Father for Molesting Minor Daughter). जिला न्यायवादी मंडी कुलभूषण गौतम ने बताया कि तीन मई, 2020 को 13 वर्षीय पीडि़ता की मां ने संबंधित ग्राम पंचायत प्रधान और पीडि़ता के साथ पुलिस थाना करसोग में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि पीडि़ता का पिता उसके साथ 3-4 साल से दुराचार करता आ रहा है. पीडि़ता की मां के उक्त बयान के आधार पर पुलिस (Himachal Police) थाना करसोग ने दोषी के खिलाफ अभियोग दर्ज किया था और मामले की जांच की.

पीड़िता 02 मई 2020 को अपनी सहेली के साथ खेलने गयी थी. तभी पीड़िता की मां को खबर मिली की पीड़िता रो रही है, जिस पर पीड़िता की मां ने उसके रोने का कारण पूछा तो उसने कुछ नहीं बताया. लेकिन पीड़िता की सहेली ने बताया कि पीड़िता ने उसके साथ यह बात सांझा की थी कि जब पीड़िता की मां घर में नहीं होती है तो उसका पिता उसके साथ दुराचार करता है और ऐसा वह 3-4 साल से करता आ रहा है.
मां के पूछने पर बच्ची ने बताई उसके साथ दुराचार होने की बात
जब पीड़िता की मां ने अपनी बेटी को प्यार से पूछा तो बेटी ने भी अपनी मां को उसके साथ दुराचार होने की बात बताई. जिसके बाद मां ने मामला दर्ज करवाया था. उक्त मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 18 गवाहों के ब्यान कलम बन्द करवाए थे. उक्त मामले में सरकार की तरफ से मामले की पैरवी तत्कालीन विशेष लोक अभियोजक, विनोद चौधरी और लोक अभियोजक नवीन राही द्वारा की गयी.
साथ-साथ चलेंगी सभी सजाएं
अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने दोषी हेत राम को भारतीय दंड सहिंता की धारा 376 एबी के तहत 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 50000 रुपए जुर्माने की सजा, भारतीय दंड सहिंता की धारा 506 (आईआई) के तहत तीन वर्ष के साधारण कारावास की सजा के साथ 2000 रुपए जुर्माने की सजा, पोक्सो अधिनियम की धारा 4 के तहत 20 वर्ष के साधारण कारावास की सजा के साथ 50000 रुपए जुर्माने की सजा और पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 50000 जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को 3 से 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनाई गई है. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी.
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