हिमाचल प्रदेश

नहीं सुलझा शहीद कल्याण सिंह मेले को लेकर उपजा विवाद, उद्योग मंत्री के खिलाफ नारेबाजी

Shantanu Roy
25 May 2023 9:27 AM GMT
नहीं सुलझा शहीद कल्याण सिंह मेले को लेकर उपजा विवाद, उद्योग मंत्री के खिलाफ नारेबाजी
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पांवटा साहिब। गिरिपार क्षेत्र में होने वाले जिला स्तरीय शहीद कल्याण सिंह खेल एवं सांस्कृतिक मेले हलांह का विवाद फिलहाल नहीं सुलझा है। दो गुटों के बीच उपजे विवाद हो सुलझाने के प्रशासन पूरे प्रयास कर रहा है। वहीं एक गुट के लोगों ने खेल मैदान में बैठकर धरना दिया। इस कारण 3 दिवसीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन शुरू नहीं हो पाया। वहीं प्रशासन ने शहीद की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। हालांकि मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया है लेकिन उसके बावजूद भी खेल मैदान में धरने पर बैठे लोगों को नहीं हटाया जा सका है। देर शाम ग्रामीणों ने उद्योग मंत्री के खिलाफ नारेबाजी भी की, जिससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया। विवाद के बीच शहीद कल्याण सिंह की बेटी उषा ठाकुर ने एक भावुक अपील सोशल मीडिया पर डाली है। इसके माध्यम से बेटी ने अपील की है कि ये उसके शहीद पिता कल्याण सिंह का अपमान है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। बावजूद इसके प्रशासन मौन बैठा है। विरोधी गुट मनमानी कर खेल व सांस्कृतिक आयोजन को लेकर खलल डाल रहा है। उन्होंने साफ तौर से कहा कि इस पूरे मामले का राजनीतिकरण किया जा रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने प्रशासन व स्थानीय लोगों से अपील की है कि जिला स्तरीय शहीद कल्याण सिंह खेल एवं सांस्कृतिक मेला पूर्व की तरह मनाया जाना चाहिए। 1999 में कारगिल युद्ध में शिलाई के हलांह के कल्याण सिंह शहीद हो गए थे। इसके बाद से ही यह मेला मनाया जाता रहा है। भाजपा सरकार के दौरान इस मेले को जिला स्तरीय घोषित किया गया था, लेकिन इस बार मेले के आयोजन को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। ग्रामीणों का कहना था कि धरने पर बैठे 10 के करीब लोगों को वहां मौजूद 25 के करीब पुलिस कर्मी हटा न सके। बता दें कि मेला बुधवार को शुरू होना था जबकि पहले दिन मात्र शहीद को श्रद्धांजलि ही हो पाई। जिला स्तरीय इस मेले का एक गुट विरोध कर रहा है। हलांह पंचायत के निवासी जालम सिंह, रतिराम राम, लायक राम, जंगली राम व रतन सिंह नंबरदार ने बताया कि 23 वर्षों से हलांह में शहीद कल्याण सिंह खेल एवं सांस्कृतिक मेला आयोजित किया जा रहा है। इस बार मेले को जिला स्तर पर आयोजित किया जाना था, लेकिन कुछ लोग शहीद के नाम पर राजनीति कर रहे हंै। उन्होंने कहा कि शहीद के नाम पर राजनीति करना बहुत ही दुखद है।
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