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हिमाचल प्रदेश
शिमला-कुल्लू के बार्डर पर निर्माण, SJVNL ने संबंधित क्षेत्रों को भेजे नोटिस
Gulabi Jagat
12 Feb 2023 8:22 AM GMT

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शिमला
सतलुज बेसिन में शिमला और कुल्लू के बॉर्डर पर बन रही लुहरी बिजली परियोजना के लिए अलग से ट्रांसमिशन लाइन बन रही है। 210 मेगावाट का यह प्रोजेक्ट सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड को दिया है। भारत सरकार के इस उपक्रम का मुख्यालय शिमला में ही स्थित है। एसजेवीएनएल ने इस प्रोजेक्ट के लिए ट्रांसमिशन लाइन का नोटिस जारी कर दिया है। यह ट्रांसमिशन लाइन तीन जिलों की पांच तहसीलों से होकर गुजरेगी। ये तहसीलें कुल्लू की निरमंड और आनी, मंडी की करसोग और शिमला की कुमारसेन तथा सुन्नी हैं। एसजेवीएनएल ने कहा है कि ट्रांसमिशन लाइन की रूट एलाइनमेंट वरिष्ठ अपर महाप्रबंधक या परियोजना प्रमुख के बिथल स्थित कार्यालय से ली जा सकती है। यदि किसी व्यक्ति को इस ट्रांसमिशन लाइन से संबंधित कोई आपत्ति है, तो वह दो महीने के भीतर दी जा सकती है।
ट्रांसमिशन लाइन को विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 164 के तहत बनाया जा रहा है। इसके लिए विद्युत मंत्रालय से पहले ही स्वीकृति मिल चुकी है। अब हिमाचल प्रदेश के जिन गांवों, कस्बों या शहरों के ऊपर से यह ट्रांसमिशन लाइन गुजर रही है, उनके लिए यह नोटिस जारी हुआ है। इसी लुहरी प्रोजेक्ट को लेकर दिल्ली दौरे के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग की थी। एसजेवीएनएल ने ही राज्य और केंद्र सरकार में वन बेसिन-वन कंपनी का कंसेप्ट दिया था। इसके बाद सतलुज बेसिन के कुछ और प्रोजेक्ट भी सतलुज जल विद्युत निगम को मिले हैं। इस उपक्रम ने सबसे पहले नाथपा झाकड़ी बिजली प्रोजेक्ट को सतलुज बेसिन में बनाया था।

Gulabi Jagat
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