हिमाचल प्रदेश

कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर के पार्टी उपाध्यक्ष पद से इस्तीफे से कांग्रेस हाईकमान में मची हलचल

Admin Delhi 1
18 Sep 2022 8:01 AM GMT
कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर के पार्टी उपाध्यक्ष पद से इस्तीफे से कांग्रेस हाईकमान में मची हलचल
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शिमला न्यूज़: पहले बिलासपुर जनपद के कोट कहलूर व परिसीमन के बाद नैना देवी विधानसभा से कांग्रेस विधायक (MLA) रामलाल ठाकुर के पार्टी उपाध्यक्ष पद से इस्तीफे ने कांग्रेस हाईकमान को हिला दिया है। यहीं नहीं, इनके आंसू नए राजनीतिक घटनाक्रम की तरफ इशारा कर रहे हैं। क्या, उनके आंसुओं का दर्द कांग्रेस हाईकमान तक पहुंच पाएगा या नहीं, ये तो साफ नहीं है। ठाकुर को रंज है कि पार्टी में चार-चार मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार अलग-अलग भाषा में बोल कर पार्टी का मटियामेट कर रहे हैं। वरिष्ठता के कोई मायने नहीं रह गए हैं। जिसके दिल में जो आ रहा है, वो मुख्यमंत्री का कैंडिडेट बनकर राग अलापने में व्यस्त है। पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर की टीस इसलिए भी मायने रखती है, क्योंकि वह 1985 में पहली बार कांग्रेस टिकट पर जीत कर सीधे वीरभद्र सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बने थे। इसके बाद भी वह 1993, 1998, 2003 में भी मंत्री बने। स्वास्थ्य से लेकर वन, उद्योग, युवा सेवा के व कानून मंत्री, कैबिनेट मंत्री जैसे ओहदों पर वह विराजमान रहे।

वैसे 1972 से 1978 तक वह जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। उनकी तमाम उम्र कांग्रेस में गुजरी है। राजनीतिक जीवन में उन्होंने दल-बदल नहीं किया। कौल सिंह और रंगीला राम राव को छोड़कर इस समय कांग्रेस के तमाम लीडर उनसे जूनियर है। समय रहते अगर कांग्रेस हाईकमान ने राम लाल ठाकुर के इशारे को नहीं समझा तो कांग्रेस इसके नुक्सानदायक परिणाम भुगत सकती है। पार्टी ने जब भी ठाकुर को लोकसभा चुनाव में हमीरपुर सीट से उतारा तो उन्होंने दमखम से चुनाव लड़ा। हालांकि दोनों पर उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा। लेकिन कांग्रेसी योद्धा ने हाईकमान के किसी भी निर्णय पर पीठ नहीं दिखाई। देखना है अब रामलाल ठाकुर अगला क्या कदम उठाते है। शायद उनके इस निर्णय से यह भी साफ़ लग रहा है कि कांग्रेस बिना दूल्हे की बारात बनकर चुनावों में उतरी तो पार्टी को नुक्सान होना लाजमी है।

मुख्यमंत्री पद का कैंडिडेट घोषित न कर पार्टी ने अनुशासनहीनता भी बढ़ रही है। फ़िलहाल रामलाल ठाकुर ने पार्टी से उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर यह भी कहा है कि अगर पार्टी नहीं चाहती कि वह चुनाव लड़े तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। मगर कांग्रेस को हिमाचल को सत्तासीन करने के लिए वह अपनी कुर्बानी देने को तैयार है। बता दे कि भाजपा के गृह क्षेत्र में भी राम लाल ठाकुर एक दमदार नेता है।

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