हिमाचल प्रदेश

वेतन विसंगति को लेकर कंडक्टर हड़ताल ने पकड़ी रफ्तार, 28 तक यूनियन ने बढ़ाया आंदोलन

Renuka Sahu
25 July 2022 5:51 AM GMT
Conductor strike picks up pace over pay discrepancy, union increased agitation till 28
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फाइल फोटो 

वेतन विसंगति को लेकर एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन की हड़ताल अब और तेज हो गई है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वेतन विसंगति को लेकर एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन की हड़ताल अब और तेज हो गई है। प्रदेश में एचआरटीसी के चारों डिविजन में कंडक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी है। शिमला, धर्मशाला, मंडी और हमीरपुर डिवीजन में कंडक्टर क्रमिक भूख हड़ताल पर हैं। वहीं 26 जुलाई को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ कंडक्टर यूनियन की बैठक की जाएगी। अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ कंडक्टर यूनियन की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ मुलाकात करवाएगा। गौरतलब है कि एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन सरकार को दिए गए अल्टीमेटम के अनुसार आंदोलन को कैबिनेट की तिथि तक यानी 28 जुलाई तक बढ़ा दिया है। कंडक्टर यूनियन के प्रांतीय प्रधान कृष्ण चंद ने बताया कि सरकार परिचालकों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है, ऐसे में यूनियन ने कैबिनेट तक हड़ताल बढ़ाने का निणर्य लिया।

कैबिनेट में परिचालकों की मांगों पर कोई निर्णय नहीं होता है, तो आगामी रणनीति यूनियन तैयार करेगी। ऐसे में सोमवार को बोर्ड व महासंघ के पदाधिकारी परिचालकों की समस्याओं पर चर्चा करेंगे और सरकार के समक्ष परिचालकों की समस्याओं को रखेंगे। यूनियन पदाधिकारियों का कहना है कि महासंघ व बोर्ड ने कर्मचारियों की समस्याओं को समझते हुए वार्ता को बुलाया है। ऐसे में सोमवार को बैठक में भाग लेंगे और मांगों को संघ के समक्ष रखेंगे। रोष व्याप्त कंडक्टरों का कहना है कि सरकार द्वारा दिए जा रहे छठे वेतन आयोग में क्लास थ्री के सभी कर्मचारियों को 10300/3200 का वेतनमान देने की बात की गई थी, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। सरकार कर्मचारियों के साथ धोखा कर रही है। इसलिए परिचालकों को नए वेतनमान लागू करवाने और वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है। परिचालकों ने कहा कि सरकार की ओर से सभी क्लास-थ्री के कर्मचारियों को 10300/3200 वेतनमान दिया जा रहा है, जबकि कंडक्टरों के लिए लिए यह वेतन 5910/1900 फिक्स किया गया है। वर्ष 2012 से परिवहन निगम में अधिकारियों द्वारा क्लास-थ्री के कर्मचारियों का वेतन 5910/2400 मनमाने तरीके से फिक्स कर दिया था, जबकि अब इसे फिर से घटाकर 5910/1900 कर दिया है। वेतनमान बढ़ाने की जगह घटा दिया गया है, जबकि प्रदेश के अन्य कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतनमान मिल रहा है।
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