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हिमाचल प्रदेश
एरियर-डीए के लंबित भुगतान के बीच CM का नया दांव, सामने आएगा 75000 करोड़ कर्ज का सच
Gulabi Jagat
4 May 2023 12:02 PM GMT

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शिमला: कांग्रेस सरकार के पहले बजट सत्र में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र लाने का ऐलान किया था। मार्च में सीएम ने कहा था उनकी सरकार वित्तीय हालत पर व्हाइट पेपर लाएगी। फिर विधानसभा में बजट सत्र के दौरान भी नियम.130 के तहत चर्चा के जवाब में सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा था कि कांग्रेस सरकार श्वेत पत्र लाकर सच्चाई जनता के समक्ष रखेगी। अब बुधवार को कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने हिमाचल की आर्थिक हालत को लेकर व्हाइट पेपर लाने का फैसला लिया। इसके लिए बाकायदा कमेटी का गठन किया गया है। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की अगवाई में कमेटी बनाई गई है। हिमाचल पर इस समय 75 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है। हालत यह है कि सीएम का पद संभालने के बाद सुखविंदर सिंह ने यहां तक बयान दे दिया था कि हिमाचल श्रीलंका बनने की राह पर है। कर्ज को लेकर भाजपा और कांग्रेस एकदूसरे की सरकार को जिम्मेदार बताते रहे हैं। इस समय हालत ये हैं कि कांग्रेस सरकार को नए वेतन आयोग के लागू होने के बाद एरियर की देनदारी चुकानी है।
ये कम से कम 9000 करोड़ रुपए बनते हैं। इसके अलावा डीए की बकाया किश्तों व एरियर को चुकाने के लिए भी करोड़ों रुपए चाहिए। आलम यह है कि बजट का बड़ा हिस्सा कर्मचारियों के वेतन और पेंशनर्स की पेंशन पर खर्च हो जाता है। खजाने को राहत देने के लिए सरकार ने वॉटर सेस लगाने का फैसला लिया, लेकिन उसके रास्ते में भी अड़चन आ रही है। प्रदेश में सरकारी कर्मियों के वेतन और पेंशनर्स की पेंशन पर खर्च निरंतर बढ़ रहा है। वर्ष 2017-18 में वेतन व मजदूरी पर 10765.83 करोड़ रुपए खर्च हुए। इस दौरान पेंशन पर 4708.85 करोड़ रुपए व ब्याज के भुगतान पर सरकार ने 3788 करोड़ रुपए खर्च किए। फिर 2018.19 में ये खर्च और बढ़ा। वेतन पर 11210.42 करोड़ रुपए, पेंशन पर 4974.77 करोड़ व ब्याज भुगतान पर 4021.52 करोड़ खर्च किए गए। 2020-21 में वेतन पर खर्च बढक़ऱ 12192.52 करोड़ रुपए पेंशन पर 6398.91 व ब्याज भुगतान पर 4640.79 करोड़ खर्च हुआ।
बजट में ये थे सरकार के आंकड़े
हिमाचल सरकार पर इस समय 75 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है। आंकड़ों पर नजर डालें तो हिमाचल पर वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंत में 68 हजार 630 करोड़ रुपए का कर्ज था। तब इस कुल कर्ज में 45 हजार 297 करोड़ रुपए मूल कर्ज था और 23333 करोड़ रुपए ब्याज की देनदारी के रूप में था। कैग रिपोर्ट में भी दर्ज है कि आगामी पांच साल के भीतर सरकार को 27.677 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाना है। वित्तीय वर्ष 2021.22 के कर्ज का आंकड़ा लें तो एक साल में ही कुल लोन का दस प्रतिशत यानी 6992 करोड़ एक साल में अदा करना है। सरकार को अगले दो से पांच साल में कुल लोन का 40 फीसदी यानी 27677 करोड़ चुकाना है। अगले पांच साल के दौरान यानी 2026.27 तक ब्याज सहित लोक ऋण की अदायगी प्रति वर्ष 6926 करोड़ होगी।
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Gulabi Jagat
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