हिमाचल प्रदेश

नीति आयोग की बैठक में शामिल हए CM सुखविंदर सिंह

Shantanu Roy
28 May 2023 9:20 AM GMT
नीति आयोग की बैठक में शामिल हए CM सुखविंदर सिंह
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शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने केंद्र सरकार से एनपीएस के तहत जमा किए गए 9242.60 करोड़ रुपए वापस हिमाचल प्रदेश सरकार को लौटाने की मांग की है। यह राशि पैंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) में जमा है। उन्होंने एनपीएस के तहत पिछले विष वर्ष की जमा राशि 1779 करोड़ रुपए को वर्तमान वित्त वर्ष की उधार सीमा से कम नहीं करने और 27 मार्च, 2023 के निर्णय की समीक्षा का आग्रह किया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह नई दिल्ली में नीति आयोग की 8वीं गवर्निंग काऊंसिल बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की।
मुख्यमंत्री ने बैठक में बुनियादी ढांचे और निवेश, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, अनुपालन को कम करने, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य व पोषण, कौशल विकास, क्षेत्र विकास और सामाजिक बुनियादी ढांचे के लिए गति शक्ति और वर्ष 2047 तक विकसित भारत विषयों पर चर्चा की। उन्होंने राज्य पर अगले 3 वर्षों के लिए बाहरी सहायता प्राप्त करने की सीमा को हटाने और पहले की स्थिति बहाल करने का भी आग्रह किया। उन्होंने केंद्रीय आर्थिक कार्य विभाग के प्रस्तुत प्रस्तावों को शीघ्र स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने भानुपल्ली-बिलासपुर-लेह रेलवे लाइन के लिए 100 फीसदी केंद्रीय वित्त पोषण और भूमि अधिग्रहण लागत को राज्य अंशदान के रूप में मानने का आग्रह किया। उन्होंने प्रदेश में मंडी एयरपोर्ट निर्माण व गग्गल एयरपोर्ट विस्तार से जुड़े विषय को भी उठाया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने राज्य में मेडिकल कॉलेजों के निर्माण को पूरा करने के लिए विशेष वित्तीय सहायता की मांग के अलावा रोपवे परियोजनाओं को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने ई-बसों की खरीद के लिए भारत सरकार की तरफ से प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता के तहत ओपेक्स मॉडल (परिचालन व्यय) के साथ कैपेक्स मॉडल (पूंजीगत व्यय) का विकल्प प्रदान करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रदूषण कम करने के लिए निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं और एचआरटीसी की अधिकांश डीजल बसों को आने वाले वर्षों में ई-बसों से बदल दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रीन हाईड्रोजन को बढ़ावा देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि 2000 करोड़ रुपए का विश्व बैंक पोषित हिमाचल प्रदेश विद्युत क्षेत्र विकास कार्यक्रम, विश्व बैंक के साथ अंतिम दौर की चर्चा के बाद जल्द ही शुरू किया जाएगा।
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