हिमाचल प्रदेश

सीएम बोले, मंदिरों का होगा सौंदर्यीकरण, ई-कनेक्टिविटी से मिलेगी सुविधा

Gulabi Jagat
19 Jun 2023 1:18 PM GMT
सीएम बोले, मंदिरों का होगा सौंदर्यीकरण, ई-कनेक्टिविटी से मिलेगी सुविधा
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शिमला: देवभूमि के रूप में प्रख्यात हिमाचल प्रदेश में धार्मिक, साहसिक और प्राकृतिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। पहाड़, झीलें, नदियां और मनभावन वादियां प्रदेश के नैसर्गिक सौंदर्य को विश्वभर में अलग पहचान दिलाती हैं। विविध सांस्कृतिक विरासत और भव्य मंदिर यहां के समृद्ध इतिहास को प्रदर्शित करते हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में अवसरों और संसाधनों के उपयोग के लिए राज्य सरकार ने अनेक नवोन्मेषी प्रयास किये हैं। प्रदेश के शक्तिपीठ हर वर्ष लाखों भक्तों को आकर्षित करते हैं।
प्रदेश सरकार ने अब प्रदेश के प्रमुख मंदिरों को ई-कनेक्ट करने के लिए एक महत्त्वपूर्ण पहल की है, जिससे भक्तों को घर बैठे ही दर्शन की सुविधा सुनिश्चित होगी। ऊना जिले के प्रसिद्ध माता चिंतपूर्णी मंदिर से शुरुआत करते हुए, अब सरकार ने प्रदेश के मंदिरों और शक्तिपीठों में हवन, भंडारा और जागरण समारोहों के लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा प्रदान करने के लिए एक पायलट परियोजना शुरू की है। इस उद्देश्य के लिए सॉफ्टवेयर के विकास का कार्य चल रहा है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से श्रद्धालु मंदिर के पुजारियों से जुड़ सकेंगे, अनुष्ठानों के लिए बुकिंग कर सकेंगे और ऑनलाइन भुगतान भी कर सकेंगे। सॉफ्टवेयर भक्तों को विशेष पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त भी प्रदान करेगा। प्रदेश सरकार के इन प्रयासों से श्रद्धालुओं को बेहतरीन आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होगा।
यह तकनीकी प्रयोग हर क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी का सदुपयोग करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। तीर्थयात्रियों के अनुभव को और सुखद बनाने के लिए सरकार प्रमुख मंदिरों के सौंदर्यीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास पर भी कार्य कर रही है। ई-कनेक्टिविटी से श्रद्धालुओं को विभिन्न सुविधाएं विकसित करने में मदद मिलेगी। इससे निश्चित रूप से प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने का कि सरकार के प्रयासों से हिमाचल प्रदेश को सभी के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी।
दियोटसिद्ध में सुविधाएं
हमीरपुर जिला मे ंविश्वप्रसिद्ध बाबा बालकनाथ मंदिर है। क्षेत्र में आगंतुकों के अलावा राज्य सरकार ने बाबा बालकनाथ मंदिर में बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के सुधार के लिए 65 करोड़ रुपए आबंटित किए हैं। एशियाई विकास बैंक द्वारा स्वीकृत इस राशि का उपयोग मंदिर परिसर के भीतर सौर स्ट्रीट लाइट लगाने और मंदिर की ओर जाने वाली सडक़ों और रास्तों की मरम्मत के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही यहां तीर्थयात्रियों के लिए विश्राम कक्षों, वर्षा शालिकाओं
के साथ शौचालयों का निर्माण किया जाएगा।
अगस्त से तकनीकी संस्थानों में नए पाठ्यक्रम
सीएम बोले, कौशल विकास को व्यावहारिक प्रशिक्षण जरूरी
स्टाफ रिपोर्टर — शिमला
राज्य के विभिन्न तकनीकी संस्थानों में इस वर्ष अगस्त माह से सूचना प्रौद्योगिक आधारित नवीन पाठ्यक्रम शुरू करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश को सूचना प्रौद्योगिकी के युग में परिवर्तन को अपनाकर हर क्षेत्र में अग्रणी रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज बिलासपुर में कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और डेटा साइंस में विशेषज्ञता के साथ कम्प्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में बीटेक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इस पाठ्यक्रम को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय से अनुमोदन प्राप्त हो चुका है।
इसके अलावा, राजकीय बहुतकनीकी संस्थान रोहड़ू में कम्प्यूटर इंजीनियरिंग एवं इंटरनेट ऑफ थिंग्स और चंबा में मेक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग में विशेष पाठ्यक्रम पढ़ाए जाएंगे। इन पाठ्यक्रमों को एआईसीटीई और हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड धर्मशाला द्वारा भी स्वीकृति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 17 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अन्य पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इनमें मैकेनिक इलेक्ट्रिक व्हीकल, टेक्नीशियन मेक्ट्रोनिक्स, फाइबर टू होम टेक्नीशियन, सोलर टेक्निशियन (इलेक्ट्रिक), इंटरनेट ऑफ थिंग्स टेक्निशियन और मेंटेनेंस मैकेनिक (केमिकल प्लांट) शामिल हैं।
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