हिमाचल प्रदेश

सीएम जयराम ठाकुर के पास अनुभव के साथ काबिलियत की कमी : कौल सिंह

Shantanu Roy
18 July 2022 9:38 AM GMT
सीएम जयराम ठाकुर के पास अनुभव के साथ काबिलियत की कमी : कौल सिंह
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शिमला। भाजपा शासनकाल में हिमाचल भ्रष्टाचार में आकंठ तक डूब चुका है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर ने रविवार को कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि जल शक्ति विभाग भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा अड्डा बना हुआ है। करोड़ों रुपए की पाइपें खरीद कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है। भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों को भाजपा सरकार का संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने प्रदेश के इतिहास में पुलिस भर्ती पेपर लीक केस को सबसे बड़ा घोटाला करार दिया। कौल सिंह ने कहा कि पुलिस ही नहीं बल्कि कमीशन के पेपर भी लीक हुए हैं। ऐसे में सभी पेपर लीक केसों की जांच सीबीआई से करवाई जानी चाहिए। सीएम ने पुलिस पेपर लीक केस की जांच सीबीआई से करवाने की बात कही, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने पूछा कि आखिर सीएम किसको बचाना चाह रहे हैं।

अब तक के सबसे कमजोर सीएम साबित हुए जयराम
कौल सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास अनुभव के साथ-साथ काबिलियत की भी कमी है। वह अब तक के सबसे कमजोर सीएम साबित हुए हैं। अपने साढ़े 4 साल के कार्यकाल में 7 मुख्य सचिव बदल दिए। ईमानदार व स्वच्छ छवि वाले पूर्व सीएस अनिल खाची को पद से हटाकर डाऊटफुल इंटीग्रिटी वाले को मुख्य सचिव बनाया, जबकि अधिकारी का वन विभाग में भ्रष्टाचार से जुड़ा मसला पीएमओ कार्यालय तक पहुंचा। मुख्यमंत्री का ब्यूरोक्रेसी पर बिल्कुल भी नियंत्रण नहीं है। अब 3-3 सीनियर आईएएस को प्रधान सलाहकार लगाया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएस राम सुभग ने अपने लिए 30 लाख रुपए से महंगी कार खरीदी। उन्होंने पूछा कि क्या इसकी कैबिनेट से मंजूरी ली गई थी? सीएम को क्या इसका पता था। सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए।
दिवालियापन की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया हिमाचल
कौल सिंह ने कहा कि जयराम ठाकुर सरकार ने हिमाचल को दिवालियापन की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। पूर्व सरकार में 47000 करोड़ रुपए का कर्ज था। उसमें भी 16 साल भाजपा ने राज किया है। जयराम सरकार के कार्यकाल में कर्ज का बोझ बढ़कर 70000 करोड़ रुपए पहुंच गया है। जब तक सत्ता से बाहर होंगे, तब तक यह 80000 करोड़ रुपए हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जयराम ने केवल फिजूलखर्ची की है। रिसोर्स मोबिलाइजेशन पर ध्यान नहीं दिया गया। अपनी मशहूरी के लिए करोड़ों रुपए होर्डिंग्ज पर ही खर्च कर दिए गए। सरकार को जनता को इसका जवाब देना होगा। इस मौके पर कांग्रेस नेता नरेश चौहान, अरुण शर्मा, देवेंद्र बुशहरी, सुंशात कपरेट और सौरव आदि मौजूद रहे।
एचपीयू में हुईं एक विचारधारा वालों की भर्तियां
कौल सिंह ने कहा कि हिमाचल विश्वविद्यालय में तत्कालीन कुलपति द्वारा नियमों को दरकिनार करके भॢतयों में व्यापक स्तर पर अनियमितताएं की गई हैं और अपने चहेतों को नियुक्तियां दी गईं। उन्होंने कहा कि एक विचारधारा से जुड़े 100 लोगों की भर्तियां एचपीयू में हुई हैं। मैरिट तक को दरकिनार किया गया। इसकी जांच की मांग की है।
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