हिमाचल प्रदेश

जलविद्युत परियोजना को मई 2024 तक क्रियाशील बनाने के दिए निर्देश

Shantanu Roy
19 April 2023 10:02 AM GMT
जलविद्युत परियोजना को मई 2024 तक क्रियाशील बनाने के दिए निर्देश
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शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने 100 मैगावाट ऊहल-3 जलविद्युत परियोजना को मई, 2024 तक क्रियाशील बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने इस विद्युत परियोजना के क्षतिग्रस्त पेनस्टॉक को 8 माह के भीतर बदलने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि इस परियोजना की स्थापना में पहले ही देरी हो चुकी है। मुख्यमंत्री यहां ऊर्जा विभाग की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार परियोजना को पूरा करने के लिए पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी तथा वह 15 जून को परियोजना स्थल का भ्रमण करके प्रगति की समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि बजट घोषणा के अनुसार प्रदेश सरकार राज्य के सम्भावित उद्यमियों को 100 किलोवाट से 2 मैगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 40 फीसदी वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बैंकों से इन परियोजनाओं को वित्त पोषित करने के लिए सहायता भी प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में प्रस्तावित 6 ग्रीन कॉरिडोर की स्थापना से संबंधित कार्यों की प्रगति की समीक्षा की तथा इस वर्ष अक्तूबर तक सभी ग्रीन कॉरिडोर के लिए निविदा प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लगभग 1600 किलोमीटर लम्बे इन कॉरिडोर के लिए चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, जिनमें इन कॉरिडोर के दायरे में आने वाले शहर भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मार्च, 2026 तक हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि हिम ऊर्जा को इन 6 कॉरिडोर में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए आधारभूत ढांचा विकसित करने का अधिकार प्रदान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को 200 मैगावाट की सौर परियोजनाओं को दिसम्बर, 2023 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। बैठक में उन्हें अवगत करवाया गया कि प्रथम चरण में 45 मैगावाट क्षमता की सौर परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया गया है। उन्होंने लाहौल-स्पीति जिले में सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए भूमि चिन्हित करने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर व ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी इस अवसर पर मौजूद थे।
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