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हिमाचल प्रदेश
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा- 'जो गरीब है, हम उसके करीब हैं'
Deepa Sahu
6 March 2022 10:24 AM GMT
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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि उन्होंने एक चीज को हमेशा मूल मंत्र के रूप में स्वीकार किया है,
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि उन्होंने एक चीज को हमेशा मूल मंत्र के रूप में स्वीकार किया है कि सबसे पहले गरीब को मदद पहुंचनी चाहिए। जो गरीब है, हम उसके करीब हैं। सीएम जयराम ठाकुर ने रविवार को राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ शिमला में बजट पर प्रदेशवासियों से संवाद करते हुए कहा कि अबकी बजट उम्मीदों वाला है। अनुमान है कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में 8.3 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। जब दायित्व मिला था, तो प्रदेश पर 50 हज़ार करोड़ रुपये का कर्ज था।
पिछली सरकार ने तो सामान्य परिस्थितियों से भी ज़्यादा कर्ज लिया। सीमा को पार कर्ज लिया। हमने सीमा को पार करके ऋण नहीं लिया। हालांकि यह सही है कि आने वाले वक्त में कर्ज हमें भी लेना पड़ेगा। ऐसा नहीं है कि चुनावी वर्ष में केवल वोट फोकस किया है। हमने उन्हीं योजनाओं को मजबूत किया, जो पहले साल में साल में शुरू की थीं। 60 साल के बाद बुजुर्गों को सहयोग की ज़रूरत होती है, इसलिए सबके लिए यह योजना लाए।
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि हमारे तीन बजट कोविड से प्रभावित रहे। इसकी कल्पना भी नहीं की थी। इस बात की पीड़ा है कि बहुत से लोगों की दुखद मृत्यु हुई। हिमाचल की जनता ने हिम्मत दी और वे सफल हुए। पीएम नरेंद्र मोदी ने हिम्मत और हौसले के साथ इस देश का नेतृत्व किया, उसकी जितनी तारीफ करें, वह कम है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्हें पांचवां बजट पेश करने का सौभाग्य मिला है। पीएम नरेंद्र मोदी का बहुत सहयोग मिला। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि 27 दिसंबर को जब सरकार बनी तो ये कल्पना भी नहीं की थी कि इतनी कठिन परिस्थितियां होंगी।
उन्होंने प्रदेश के 68 विधानसभा का दौरा किया। पहली कैबिनेट में ही निर्णय लिया कि जो गरीब धक्का खाते हैं, उनके लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर फैसला लिया। 70 साल से ऊपर के सभी बुजुर्गों के लिए पेंशन का प्रावधान किया। दूसरा निर्णय लिया कि जिस गाय को मां कहते हैं, आज वह चौराहे या सड़क पर है। ऐसे में गाय एक सरंक्षित जगह पर होनी चाहिए। आज वह कह सकते हैं, जहां हिमाचल प्रदेश में छह हज़ार गोवंश गोसदन में था, अब 20 हज़ार हैं। एक रुपये और जोड़कर गोवंश के लिए सेस रखा है। जो निजी गोसदन का संचालन कर रहे हैं, उसमें एक गाय के लिए 500 की जगह 700 कर दिए हैं। हमने हर वर्ग के कल्याण के लिए कुछ न कुछ किया है।
Deepa Sahu
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