हिमाचल प्रदेश

केंद्र की प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना में बदलाव

Gulabi Jagat
23 April 2023 10:57 AM GMT
केंद्र की प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना में बदलाव
x
शिमला
प्रदेश की गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली माताओं को अब केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री केंद्रीय मातृवंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता में बदलाव किया है। महिलाओं को अब यह राशि तीन नहीं, बल्कि दो किस्तों में ही मिलेगी। महिला एवं बाल विकास विभाग (डब्ल्यूसीडी) की ओर से लागू किया गया है। पहले सभी जिलों में यह योजना लागू नहीं थी, लेकिन अब पूरे प्रदेश की महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा। इससे पहले हालांकि विभिन्न योजनाओं, जिसमें जननी सुरक्षा जैसी योजनाएं शामिल हैं, उसमें दो से तीन हजार की आर्थिक मदद मिलती थी, लेकिन अब इस योजना में पांच हजार की राशि मिलेगी। योजना के लाभ की राशि डीबीटी के माध्यम से तीन किस्तों में महिलाओं के बैंक खाते में सीधे भेजी जाएगी। इसके साथ ही अब दो बच्चों के जन्म पर भी महिलाएं पांच हजार रुपए पाने की हकदार होंगी।
यानि यदि किसी महिला का दूसरा बच्चा बेटी है, तो दोबारा उसे इस योजना के तहत लाभ मिलेगा। प्रदेश की हजारों महिलाएं केंद्र की इस योजना से लाभान्वित हो रही हंै। इसमें अब पूरी जानकारी पोर्टल के माध्यम से भी हासिल की जा सकती है। प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना से महिलाओं के नुकसान की भरपाई इस योजना से हो पाएगी। योजना का मकसद काम करने वाली महिलाओं की मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजा देना, उनके उचित आराम और पोषण को सुनिश्चित करना है। योजना का लाभ उठाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा या पास के सरकारी अस्पताल में संपर्क करना होगा। सरकार की तरफ से योजना के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। महिला बाल विकास विभाग की ओर से ब्लॉकवार सभी को प्रशिक्षण देने के बाद इनको फार्म भी दिए गए हैं, जिन्हें लाभार्थी को लाभ दिलाने के लिए भरने के निर्देश दिए गए हैं। उधर, एकता काप्टा, अतिरिक्त निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग ने बताया कि केंद्र की प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना में बदलाव किया गया है। अब इसके तहत दो किस्तों में पैसे मिलेंगे। दूसरा बच्चा बेटी होने पर भी दोबारा महिलाओं को आर्थिक मदद मिलेगी। दूसरी बार छह हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी।
150 दिन में करवाना होगा पंजीकरण
गर्भावस्था पंजीकरण एलएमपी की तारीख से 150 दिनों के अंदर होना चाहिए। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्र या निकटतम स्वीकृत स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में पंजीकरण करवाया जा सकता है। पंजीकरण के लिए आवेदन पत्र सीधे आंगनबाड़ी केंद्रों या स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों पर नि:शुल्क मिलेंगे। आवेदन पत्र महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट से भी डाउनलोड किया जा सकता है। 5000 रुपए की गर्भावस्था सहायता राशि के दावे के लिए भरे हुए आवेदन फार्म को उसी आंगनबाड़ी केंद्र या स्वास्थ्य सुविधा केंद्र में जमा करना होगा।
अब तक प्रदेश में 247304 महिलाओं को लाभ
प्रदेश में इस योजना के तहत साल 2018 से अब तक 2,47304 महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। इसमें पहली किस्त गर्भावस्था के पंजीकरण के समय मिलेगी। दूसरी छह महीने की गर्भावस्था के बाद कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच कर लेते हैं, उसके बाद दी जाती है।
Next Story