हिमाचल प्रदेश

चंडीगढ़ से हर जिला के लिए मिलेगी हेलिटैक्सी

Gulabi Jagat
21 Jan 2023 10:23 AM GMT
चंडीगढ़ से हर जिला के लिए मिलेगी हेलिटैक्सी
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शिमला
हिमाचल सरकार राज्य में टूरिज्म और निवेश को बढ़ावा देने के लिए हेलिटैक्सी सर्विस को एक नया रूप देने जा रही है। इसके लिए हिमाचल के बजाय चंडीगढ़ से राज्य के सभी जिलों तक हेलिकॉप्टर की सेवाएं शुरू करने की योजना पर काम चल रहा है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हर जिला में एक हेलिपोर्ट जिला मुख्यालय के नजदीक बनाने के निर्देश दिए हैं। सीएम के निर्देश थे कि मार्च में पेश होने वाले उनके पहले बजट से पहले प्रथम चरण के छह हेलिपोर्ट को लेकर प्रक्रिया पूरी हो जाए। इसके बाद पर्यटन विभाग ने कुल्लू, कांगड़ा, हमीरपुर, चंबा, किन्नौर और लाहुल-स्पीति में यह प्रक्रिया पूरी कर दी है। इन छह जिलों में से चार जिलों कांगड़ा, हमीरपुर, चंबा और किन्नौर में बिना एफसीए मंजूरी वाली भूमि मिल गई है और वन मंजूरी का केस बनाए बगैर यहां निर्माण कार्य के लिए टेंडर जल्दी हो सकता है।
जबकि लाहुल-स्पीति और कुल्लू जिलों में वन मंजूरी के लिए एफसीए का केस भेजा गया है। राज्य सरकार अपने बजट से इन हेलिपोर्ट क निर्माण करेगी। हेलिपोर्ट बनाने से पहले डीपीआर का काम पवनहंस लिमिटेड को दिया है। इससे पहले पवनहंस संजौली हेलिपोर्ट की कंसलटेंसी भी बना चुका है। डीपीआर के बाद टेंडर होंगे और निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। एक और कदम आगे बढ़ाते हुए राज्य के पर्यटन विभाग ने हेलिटैक्सी के रूट फाइनल करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रोपोजल यानी आरएफपी बनाने का काम इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेट बोर्ड यानी आईडीबी को दे दिया है। इनको निर्देश दिए गए हैं कि हिमाचल सरकार चंडीगढ़ से ही सभी जिलों को हेलिटैक्सी के जरिए जोडऩा चाहती है। दूसरा विकल्प है कि राज्य की राजधानी शिमला से भी सभी जिलों को हेलिटैक्सी के जरिए जोड़ा जाए। इसलिए अब हेलिटैक्सी के रूट इसी तरह परिभाषित होंगे। भारत सरकार की उड़ान स्कीम के तहत भी हेलिटैक्सी हिमाचल में चल रही है, लेकिन इसके रूट निवेश या टूरिज्म के हिसाब से नहीं हैं। अब सरकार पर्यटकों और उद्योगपतियों की डिमांड के अनुसार हेलिटैक्सी को चलाएगी। (एचडीएम)
किराया कम करने के लिए फंड करेगी सरकार
हेलिटैक्सी का किराया कम करने के लिए राज्य सरकार वायबिलिटी गैप फंडिंग कर सकती है। इससे पहले दिल्ली से शिमला आ रहे हवाई जहाज को कुल्लू और कांगड़ा तक भेजने के लिए भी पिछली सरकार के समय इस तरह की फंडिंग की गई थी। यह फैसला हालांकि अभी समीक्षा के तहत है। अब राज्य सरकार हेलिटैक्सी के लिए भी यह फंडिंग करेगी, ताकि प्रति सीट किराया कम रखा जा सके।
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