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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
हिमाचल प्रदेश में मंगलवार रात को हुई भारी बारिश ने कहर बरपाया है। मंगलवार रात को राजधानी शिमला में 57.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा ततापानी में 54.0, मंडी 48.4, सरकाघाट 48.4 और नयनादेवी में 36.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। प्रदेश में 100 से अधिक सड़कों पर आवाजाही बाधित है। कई बिजली ट्रांसफार्मर व पेयजल परियोजनाएं भी ठप हैं। शिमला के ठियोग की टिक्कर पंचायत के ठाणकू गांव में भूस्खलन से तीन मकान तबाह हो गए हैं, जबकि गांव के अन्य घरों पर भी खतरा मंडरा रहा है।
इस गांव के चार परिवारों के 34-35 सदस्य बीते तीन दिन से तिरपाल के नीचे रातें काटने को मजबूर हैं। छोटे-छोटे बच्चों की रातें भी खुले आसमान के नीचे तिरपाल में कट रही हैं। स्थानीय निवासी यशवंत सिंह ने बताया कि उनके घर के पीछे लोक निर्माण विभाग ने तीन-चार साल पहले कुठार-भड़ास सड़क का निर्माण किया गया है। तब से लेकर ठाणकू गांववासी विभाग से डंगा लगाने की मांग कर रहे हैं। अब दो परिवार बेघर हो गए हैं, जबकि दो अन्य घरों को भी पत्थर गिरने से नुकसान हो रहा है। भूस्खलन के कारण प्रेम सिंह, पूर्ण चंद और हरि सिंह का पूरा परिवार सड़क पर आ गया है।
प्रदेश की राजधानी शिमला में ही भारी बारिश से आधा दर्जन पेड़ गिरे हैं। शहर के हिमलैंड और टालैंड में आधी रात को भूस्खलन हो गया। भूस्खलन की चपेट में आने से करीब पांच गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। इससे शहर में वाहनों की आवाजाही भी ठप हो गई।
इसके अलावा नवबहार के पास भी भूस्खलन हुआ। झाखू में भी एक पेड़ गिर गया। वहीं, भारी बारिश से गिरि परियोजना में गाद आने से शहर में पेयजल आपूति ठप हो गई। ऐसे में शिमला शहर में पेयजल संकट गहरा सकता है। वहीं, एनएच-205 शिमला के बंगोरा होटल हिल स्टार के सामने भूस्खलन की वजह से बंद हो गया। ऐसे में वाहनों की आवाजाही वैकल्पिक मार्ग गलोग, धामी, सोलह मील होते हुए की जा रही है।
भारी बारिश से जगह-जगह भूस्खलन की वजह से कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिले में में 60 सड़कें बाधित हैं। जाहलमा में सड़क धंसने से यातायात को रोका गया। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लाहौल के जाहलमा में बाढ़ आने से सड़क का बड़ा हिस्सा धंस गया है। इसके अलावा कई क्षेत्रों में बिजली गुल है, जबकि भूस्खलन के कारण पेजयल योजनाएं भी प्रभावित हैं।
चंबा-खज्जियार मार्ग भी भूस्खलन के कारण यातायात के लिए बाधित रहा। मियाड़ी गला के पास पहाड़ी दरक गई। आधा दर्जन देवदार के पेड़ भी गिर गए हैं। राहगीर और वाहन भूस्खलन की चपेट में आने से बाल-बाल बचे। लोक निर्माण विभाग की टीम भूस्खलन से बंद पड़ी सड़कों को बहाल करने में जुटी है।
ढली में भूस्खलन, डिप्टी मेयर समेत कई घरों को खतरा
शिमला में भारी बारिश के कारण कई जगह भूस्खलन होने और पेड़ ढहने से नुकसान हुआ है। शहर के ढली के लंबीधार इलाके में पहाड़ी पर बने एक भवन का डंगा ढहने और भूस्खलन होने से निचली ओर बने मकानों को नुकसान पहुंचा है। इनमें नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर शैलेंद्र चौहान का मकान भी शामिल है। डंगा ढहने से मलबा इनके मकान के ग्राउंड फ्लोर की दीवार तोड़ता हुआ अंदर घुस गया। इससे मकान के ग्राउंड फ्लोर में चल रही दुकान को भारी नुकसान हुआ है। पूर्व डिप्टी मेयर शैलेंद्र चौहान ने कहा कि पहाड़ी के उपरी तरफ बने भवन का डंगा ढहने से उनके मकान को नुकसान पहुंचा है।
अभी और सताएगा मौसम
प्रदेश में मौसम अभी और सताएगा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने तीन दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में 19 से 21 अगस्त तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। शिमला में न्यूनतम तापमान 15.7, सुंदरगनर 21.8, भुंतर 20.0, कल्पा 13.5, धर्मशाला 19.2, ऊना 23.0, नाहन 24.3, केलांग 11.6, पालमपुर 19.5, सोलन 20.0, मनाली 17.0, कांगड़ा 22.6, मंडी 22.6, बिलासपुर 23.5, हमीरपुर 23.0, चंबा 20.7, डलहौजी 16.8, कुफरी 13.2, रिकांगपिओ 16.8, पांवटा साहिब 24.0 और कसौली में 17.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।