हिमाचल प्रदेश

हिमाचल के रक्तदाता जरूरतमंदों को दे रहे हैं जीवनदान, अब तक 112 बार रक्तदान कर चुके नरेश

Gulabi Jagat
14 Jun 2022 6:42 AM GMT
हिमाचल के रक्तदाता जरूरतमंदों को दे रहे हैं जीवनदान, अब तक 112 बार रक्तदान कर चुके नरेश
x
112 बार रक्तदान कर चुके नरेश
हिमाचल प्रदेश के कई रक्तदाता जरूरतमंदों को जीवन दे रहे हैं। कोई बाहरी राज्यों में जाकर रक्तदान कर रहे हैं तो कोई मरीजों का इलाज करने के साथ उन्हें अपना खून भी दे रहे हैं। कई युवाओं ने 50 से 112 बार तक खूनदान लिया है तो सेवानिवृत्ति की दहलीज पर पहुंच चुके कई अधिकारियों, कर्मचारियों ने रक्तदान महादान का सिलसिला अभी तक बनाया हुआ है।
अब तक 112 बार रक्तदान कर चुके नरेश
ठियोग के गांव मझोली के निवासी नरेश शर्मा 112 बार रक्तदान कर चुके हैं और उनका ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव है। पहली बार उन्होंने 1996 में रक्तदान किया था। उसके बाद वह नियमित रूप से तीन महीने में रक्तदान करना नहीं भूलते। वर्तमान में वह परवाणू में रहते हैं और लगभग 15 राज्यों में रक्तदान कर चुके हैं। कोलकाता, मदुरै, जालंधर, लुधियाना, देहरादून, जम्मू, लखनऊ, सूरत, जयपुर, औरंगाबाद, दिल्ली के अलावा दमन एवं दीव जाकर भी खून दे चुके हैं। जब रक्तदान शुरू किया तो उस तरह की जागृति नहीं थी। उनका कहना है कि सोशल मीडिया ने लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करने में बड़ी भूमिका निभाई है।
मरीजों के इलाज के साथ 78 बाद रक्तदान कर चुके डॉक्टर रमेश
उपनिदेशक स्वास्थ्य डॉ. रमेश चंद मरीजों के इलाज के साथ अब तक 78 बार रक्तदान कर चुके हैं। उनका कहना है कि जब वह 1984 मेें 21 साल के थे और आईजीएमसी शिमला में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्र थे तो उन्होंने पहली बार खून दिया। यह सिलसिला आज तक चला है और वह 59 साल के हो चुके हैं। उनका ओ नेगेटिव ग्रुप दुर्लभ है। जब भी किसी को जरूरत पड़ती है तो वह रक्तदान करने जाते हैं।
राहुल ने लगाया अर्द्धशतक
बिलासपुर जिला के घुमारवीं के निवासी राहुल वर्मा ने लगभग 50 बार रक्तदान किया है। उन्होंने 18 की उम्र मेें रक्तदान की शुरुआत की। वह अब 42 साल के हो गए हैं। शिमला में हिमाचल प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम में उप प्रबंधक हैं। उनका ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव है। उन्होंने देवभूमि ब्लड डोनर नाम से सोशल मीडिया के फेसबुक और व्हाट्सऐप पर कई समूह बनाए हैं। उन्होंने ढाई-ढाई सौ लोगों के सात-आठ समूह बनाए हैं। इनमें एम्स दिल्ली, पीजीआई चंडीगढ़ आदि में मरीजों को रक्तदान में मदद की जाती है। उन्होंने कहा कि थैलेसीमिया के मरीजों पर एक अभियान चलाया जाना चाहिए। इसे मिशन मोड पर ले जाना चाहिए।
Next Story