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डैमेज कंट्रोल में जुटी बीजेपी, पूर्व मंत्री रविंदर रवि ने दिखाए बगावती तेवर, कहा- टिकट नहीं मिलने पर भी लड़ूंगा चुनाव

बीजेपी के पांच बार के विधायक और दो बार मंत्री रह चुके रविंदर रवि का कहना है कि अगर पार्टी उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं देगी तो भी वे चुनाव लड़ेंगे। रवि ने ऐलान किया कि वे कांगड़ा की सुलह या देहरा सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे। इसके बाद से पार्टी डैमेज कंट्रोल मोड में आ गई है ताकि दलबदल को रोका जा सके। ऐसा लगता है कि भाजपा ने देहरा से निर्दलीय विधायक होशियार सिंह को पार्टी में शामिल करके मुसीबत मोल ले ली है।
होशियार सिंह के बीजेपी में शामिल होने से देहरा ब्लॉक में बेचैनी बढ़ गई है। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि पांच बार के विधायक रविंदर रवि कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। वन मंत्री राकेश पठानिया ने रवि को शांत रहने और जल्दबाजी में कोई फैसला न लेने को राजी करने के लिए कल देहरा प्रखंड के नेताओं संग बैठक की। वरिष्ठ नेता ने कहा, 'बैठक का मुख्य उद्देश्य रवि को शांत करना और संभावित व्यवस्था के बारे में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेना था जिससे टिकट आवंटन को लेकर कोई बगावत न हो।'
होशियार सिंह की उपस्थिति पर नाराजगी जताई
दिलचस्प बात यह है कि बैठक में होशियार सिंह के अलावा रवि और ज्वालामुखी विधायक रमेश धवाला भी शामिल हुए। होशियार सिंह की बैठक में मौजूदगी पर बड़ी संख्या में देहरा नेताओं ने आपत्ति जताई। रवि के कांग्रेस में शामिल होने से न केवल देहरा बल्कि सुलह, ज्वालामुखी और पालमपुर विधानसभा क्षेत्रों में भी भाजपा की सियासी जमीन पर सवालिया निशान खड़े हो सकते हैं।
होशियार सिंह के पार्टी में शामिल होने से देहरा प्रखंड में उपजे संकट को टालने के लिए भाजपा सौहार्दपूर्ण समाधान तलाश रही है। पार्टी ज्वालामुखी से रवि और देहरा से धवाला को मैदान में उतारने सहित सभी विकल्पों पर विचार कर रही है। हालांकि, रवि की सुलह से चुनाव लड़ने की इच्छा है, क्योंकि उनके थुरल निर्वाचन क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा इसमें मिला दिया गया है।
कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं रविंदर रवि
विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार सुलह निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए रवि को वहां एडजस्ट करने से फिर परेशानी खड़ी हो सकती है। धूमल के कट्टर वफादार रवि ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया है कि वह झुकने के मूड में नहीं हैं। इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। कुल्लू जिले के बंजार से बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष खिमी राम और शिमला के ठियोग से तीन बार के भाजपा विधायक राकेश वर्मा की पत्नी और जिला परिषद की पूर्व सदस्य इंदु वर्मा पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुकी हैं।
रवि 1993, 1998, 2003, 2007 और 2012 से लगातार पांच बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि, 2017 में देहरा सीट से उन्हें होशियार सिंह ने हरा दिया था। दरअसल, 2012 में हुए परिसीमन में उनकी विधानसभा थुरल के क्षेत्र को सुलह, ज्वालामुखी और देहरा सीटों में मिला दिया गया था। जिसकी वजह से पार्टी ने उन्हें देहरा से टिकट दिया था।
अब कांगड़ा जिले में विधानसभा क्षेत्रों की संख्या 16 से घटकर 15 हो गई है। रवि होशियार सिंह की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से निकटता और पार्टी में उनके शामिल होने से नाखुश हैं। हालांकि निर्दलीय विधायक प्रकाश राणा के भाजपा में शामिल होने के बावजूद मंडी के जोगिंद्रनगर में हालात इतने अस्थिर नहीं हैं।