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हिमाचल प्रदेश
विधानसभा के मानसून सत्र में पारित हुआ विधेयक, हर साल 2.25 लाख टैक्स भरेंगे विधायक
Renuka Sahu
14 Aug 2022 6:02 AM GMT
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फाइल फोटो
विधानसभा के मानसून सत्र में आखिरी दिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधायकों का इनकम टैक्स सरकार के बजाय खुद विधायकों द्वारा भरे जाने को लेकर बिल सदन में रखा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विधानसभा के मानसून सत्र में आखिरी दिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधायकों का इनकम टैक्स सरकार के बजाय खुद विधायकों द्वारा भरे जाने को लेकर बिल सदन में रखा। इसे बिना आपत्ति के पारित कर दिया गया और कांग्रेस ने भी इस पर समर्थन किया। दरअसल राज्य सरकार ने यह फैसला पहले ले लिया था, लेकिन मानसून सत्र में इसे पारित करके लागू किया गया। जैसे ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस विधेयक को सदन में पेश किया।
कांग्रेस के विधायक सुखविंदर सुक्खू ने पूछा कि प्रतिमाह कितना टैक्स विधायकों को भरना है? यह मुख्यमंत्री बताएं और जो अतिरिक्त आय विधायकों की है, वह भी क्या अलग से टैक्सेबल होगी? इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर साल दो करोड़ 27 लाख इनकम टैक्स विधायकों का भरती थी। अब विधायकों को अपना इनकम टैक्स खुद भरना होगा। इसके बाद सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि इस तरह से देखें तो अब विधायकों की सैलरी प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों, एमडी डाक्टर और प्रशासनिक अफसरों से कम हो गई है। विधानसभा में डिप्टी सेक्रेटरी के बराबर वेतन विधायकों का होगा। जहां तक उनका दूसरा सवाल अतिरिक्त आय वाला था, उस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि इस मामले में इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक कैलकुलेशन होगी।
अब लोन लिमिट बढ़ाई
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वर्ष 2020-21 की लोन लिमिट को तीन से बढ़ाकर पांच फ़ीसदी करने के लिए विधेयक सदन में रखा। इसके जरिए एफआरबीएम एक्ट में संशोधन होना था। पहले माकपा विधायक राकेश सिंघा ने इस विधेयक का विरोध किया और फिर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने राज्य सरकार पर हमला बोला।
हिमाचल में विधायकों को एक ही पेंशन!
इसके बाद मुख्यमंत्री ने पेंशन को लेकर भी पंजाब का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पंजाब में नई सरकार ने एक ही पेंशन का दावा किया और इस बारे में आज नोटिफिकेशन भी हो गई, लेकिन हिमाचल में पहले से ही एक ही पेंशन है। हर टर्म के हिसाब से छोटा सा अमाउंट उसमें ऐड होता है, लेकिन यह व्यवस्था कर्मचारियों की तरह ही है। इसलिए पेंशन के फॉर्मेट में राज्य सरकार फिलहाल कोई बदलाव नहीं करेगी।
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