हिमाचल प्रदेश

हिमाचल चुनावों से पहले भाजपा-कांग्रेस में टिकट को लेकर घमासान, हर कोई बनना चाहता है विधायक

Renuka Sahu
7 Sep 2022 1:27 AM GMT
Before the Himachal elections, there is a tussle in the BJP-Congress over the ticket, everyone wants to become an MLA.
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न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com

प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में टिकटों को लेकर इन दिनों खूब घमासान मचा हुआ है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में टिकटों को लेकर इन दिनों खूब घमासान मचा हुआ है। भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दलों के पार्टी पदाधिकारी चुनाव लडऩे के लिए अपनों को चुनौती दे रहे हैं। एक-एक विधानसभा क्षेत्र में आधा आधा दर्जन से अधिक लोग चुनाव लडऩे को ताल ठोंक रहे हैं। कई हलकों में हालात ऐसे हैं कि पार्टी संगठन के नियमों को दरकिनार कर कार्यकर्ता सीधे-सीधे चुनाव लडऩे का ऐलान कर रहे हैं। विपक्षी दल कांग्रेस ने टिककों को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच अधिकतर विधानसभा क्षेत्रों के नाम स्क्रीनिंग कमेटी को भेज दिए हैं। कई हलकों से एक-एक नाम भी भेजा गया है, लेकिन अधिकतर सीटों पर इस बार कांग्रेस ने पैनल भेजे हैं, ताकि कहीं कोई नेता या कार्यकर्ता दूसरे की टिकट फाइनल होने पर सीधे सीधे विरोध नहीं कर सके। इसी बीच टिकट के चाह्वान भी अपने अपने स्तर पर हाईकमान के पास तमाम जुगाड़ भिड़ा रहे हैं।

उधर, सताधारी दल भाजपा भी भले ही रिवाज बदलने का दम भर रही हो, लेकिन अभी तक समन्वय बनाने में बीजेपी भी कांग्रेस से आगे नहीं निकल पाई है। इसके चलते कई हलकों में जहां पार्टी जीतने की स्थिति में भी है, वहां भी पार्टी के अपने ही कार्यकर्ता चुनौती पेश कर रहे हैं। कांगड़ा जिला में ही आधा दर्जन से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में समन्वय बनाना पार्टी के लिए दिक्कत बना हुआ है। पूर्व में भाजपा के मंडल बहुत मजबूज होते थे। संबंधित मंडल का कोई भी कार्यकर्ता मंडल अध्यक्ष की अनुमति के बिना कोई भी राजनीतिक गतिविधि संबंधित मंडल में नहीं कर सकता था, लेकिन अब बीजेपी के मंडल धीरे धीरे कमजोर होने लगे हैं। इसे समय रहते नहीं संभाला गया, तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं। धर्मशाला में तो भाजपा की हालत ऐसी है कि एक सम्मेलन में मंडल अध्यक्ष अनिल चौधरी ने सीधे ही मंच से चुनाव लडऩे का ऐलान कर सबको चौंका दिया। (एचडीएम)
कांगड़ा में काजल को प्रोमोट कर रहे मुख्यमंत्री
कांगड़ा में कांग्रेस से भाजपा में लौटे विधायक पवन काजल को भले ही मंडल के नेता खुले मन से स्वीकार नहीं कर रहे हों, लेकिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर उन्हें बड़े ओबीसी नेता के रूप में कांगड़ा संगठनात्मक जिला के सभी विधानसभा क्षेत्रों में मंच पर साथ बिठा कर नया संदेश दे रहे हैं। मंगलवार को भी नगरोटा बगवां में काजल को सीएम ने मंच पर साथ बिठाया।
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