हिमाचल प्रदेश

एम्स संस्थानों में अप्वाइंटमैंट के लिए ऑनलाइन बुकिंग करवा रहे हैं तो हो जाएं सावधान

Shantanu Roy
20 April 2023 9:26 AM GMT
एम्स संस्थानों में अप्वाइंटमैंट के लिए ऑनलाइन बुकिंग करवा रहे हैं तो हो जाएं सावधान
x
बिलासपुर। सभी लोग सावधान हो जाएं, साइबर ठगी यानी ऑनलाइन ठगी में माहिर शातिरों ने अब एम्स संस्थानों में मरीज को डाॅक्टर से अप्वाइंटमैंट दिलाने के नाम पर ठगी को अंजाम देने का नया पैंतरा अपना लिया है। ठग देश के किसी भी एम्स संस्थान में डाॅक्टर से अप्वाइंटमैंट दिलाने के नाम पर लोगों को मूर्ख बना रहे हैं। हालांकि जैसे ही ठगी का नया रूप कोठीपुरा एम्स प्रशासन के सामने आया त्यों ही कोठीपुरा एम्स प्रशासन द्वारा पुलिस में इसकी शिकायत दे दी गई है। एम्स संस्थान कोठीपुरा बिलासपुर के आईटी सैल इंचार्ज डाॅ. यति राज द्वारा दी गई शिकायत में यह बताया गया है कि कुछ मरीजों ने इस प्रकार की ठगी की जाने की कोशिश की जानकारी एम्स प्रशासन को फोन पर दी है, जिसमें कुछ फोन नंबरों का वर्णन है।
ठग एम्स कोठीपुरा में अप्वाइंटमैंट लेने के इच्छुक व्यक्ति से फोन पर बात कर उसे उसके व्हाट्सएप नंबर पर एक अस्पताल अप्वाइंटमैंट-39 नामक लिंक भेजते हैं और उस पर यूपीआई या गूगल पे के माध्यम से अप्वाइंटमैंट शुल्क के रूप में 5 रुपए का भुगतान करने के लिए कहते हैं। यह हो जाने के बाद ठगों का एक साथी जरूरतमंद व्यक्ति को अप्वाइंटमैंट बुकिंग के नाम से एक एपीके फाइल व्हाट्सएप पर भेज कर उसे फोन में डाऊनलोड करने के लिए कहता है। यह फाइल डाऊनलोड होते ही फोन मालिक से फोटो गैलरी व फोन में आने वाले मैसेज को पढऩे की अनुमति मांगती है। यह अनुमति देते ही ठगों का काम हो जाता है व ठग इस एपीके फाइल के जरिए उसके फोन के हर हिस्से को स्कैन कर लेते हैं। बस फोन में ओटीपी व यूपीआई पता मिला नहीं कि ठगों का कार्य पूरा हो जाता है व भोले-भाले व्यक्ति का बैंक खाता खाली हो जाता है।
एम्स प्रशासन ने मरीजों के पंजीकरण हेतु अपनी वैबसाइट पर 3 फोन नंबर जारी किए हुए हैं। ये तीन नंबर 01978-292563, 90154-80371, 82195-50572 हैं। कोई भी व्यक्ति सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक व दोपहर पश्चात दोपहर 2 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक इन फोन नंबरों पर संपर्क कर अपनी अप्वाइंटमैंट ले सकता है। एम्स संस्थान एक पर्ची के पंजीकरण हेतु मात्र 10 रुपए लेता है तथा यह 10 रुपए मरीज को एम्स के काऊंटर पर ही पर्ची बनवाते समय जमा करवाने होते हैं। ऑनलाइन पर्ची पंजीकरण की कोई भी व्यवस्था एम्स में नहीं है। एसपी बिलासपुर डाॅ. कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन ने बताया कि एम्स बिलासपुर की ओर से शिकायत आई है। पुलिस जांच-पड़ताल में जुट गई है। लोगों से आग्रह है कि वे किसी को भी अपना ओटीपी न दें। साथ ही ऐसे किसी एप को मोबाइल में डाऊनलोड न करें जो पूर्णतया प्रमाणिक न हो। साथ ही यदि कहीं कोई ठगी होती है या कोई ठगी की कोशिश भी करता है तो तुरंत उसकी जानकारी पुलिस को दें ताकि सही समय पर ठगों को दबोचा जा सके।
Next Story