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हिमाचल प्रदेश
बैटरियां डेड और खड़े ट्रकों को लगने लगा जंग, दाड़लाघाट में खड़े ट्रकों को स्टार्ट करने में भी आएगा खर्च
Gulabi Jagat
16 Jan 2023 9:56 AM GMT

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दाड़लाघाट सीमेंट कंपनी में तालाबंदी हुए एक महीने से अधिक समय हो गया है। ऑपरेटरों की गाड़ियां ट्रक यार्ड या सड़कों पर खड़ी हैं। खड़ी गाड़ियां जंग पकड़ने लगी हैं। अधिकांश गाड़ियों की तो बैटरियां तक डेड हो चुकी हैं।
अब गाड़ियों को दोबारा स्टार्ट करने पर भी खर्च होने वाला है। ट्रक चालकों, मेकेनिकों, ढाबा संचालकों को घरों के चूल्हे जलाने मुश्किल हो रहे हैं।
हालांकि, कुछ ऑपरेटर अपने चालकों के लिए राशन उपलब्ध करवा रहे हैं, लेकिन कुछ दिनों में उनके भी हाथ खड़े हो जाएंगे। ट्रक ऑपरेटरों ,चालकों, ढाबा संचालकों, पेट्रोल पंप के कर्मचारियों और इनसे जुड़े छोटे कारोबारियों का अधिकतर समय घर पर ही गुजर रहा है। कोई घर पर मवेशियों के लिए घास काट रहा है तो कोई बालन के लिए लकड़ियों के जुगाड़ में लगा है। सभी सीमेंट प्लांट के खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
रैली में भाग लेने पहुंच रहे सभी ऑपरेटर
ऑपरेटरों में हेम राज ठाकुर, ललित गौतम, बंटू शुक्ला ने बताया कि ऑपरेटर हर रोज 11:30 बजे तक कंपनी गेट पर एकत्र होते हैं। वहां से उनकी आक्रोश रैली बस स्टैंड और स्यार से होते हुए अंबुजा चौक पर पहुंचती है।
गाड़ियों की किस्त भरना हुआ मुश्किल
अधिकांश ऑपरेटरों के पास 2010,11,12,13,14 मॉडल की पुरानी गाड़ियां हैं। किराया कम होने के चलते चाह कर भी नई गाड़ियां नहीं खरीद पा रहे थे और अब किराया कम करने की बात हो रही है जो सरासर गलत है।
कंपनी में तालाबंदी से अधिकांश ऑपरेटरों की बैंक की किस्त देय हो गई है जो 16 चक्की की एक लाख सोलह हजार, 12 चक्का की 84 हजार के आसपास बनती है। एक महीने की किस्त टूट गई है। इसकी भरपाई सात साल में नहीं हो पाएगी। फाइनेंसर भी दो-तीन महीने ही देखेंगे, उसके बाद वे भी गाड़ियां उठाना शुरू कर देंगे।

Gulabi Jagat
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