- Home
- /
- राज्य
- /
- हिमाचल प्रदेश
- /
- खराब गुणवत्ता वाले...

न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
राज्य पहुंचे साढे़ 12 लाख तिरंगों में से कई बंडलों में आठ से 10 फीसदी झंडे सही नहीं हैं। भाषा कला एवं संस्कृति विभाग के सचिव राकेश कंवर ने कहा है कि केंद्र सरकार को इस बारे में ई-मेल के जरिये जानकारी दे दी गई है।
हर घर तिरंगा अभियान के लिए हिमाचल प्रदेश आए झंडों में कई खामियां पाई गई हैं। राज्य में पहुंचे खराब गुणवत्ता वाले झंडों को बांटने पर रोक लगाई गई है। कई झंडों में अशोक चक्र बीच के बजाय किनारे में बनाए गए हैं तो कई में कपड़े की गुणवत्ता सही नहीं है। खराब झंडों को भारत सरकार को लौटा दिया जाएगा। राज्य पहुंचे साढे़ 12 लाख तिरंगों में से कई बंडलों में आठ से 10 फीसदी झंडे सही नहीं हैं। भाषा कला एवं संस्कृति विभाग के सचिव राकेश कंवर ने कहा है कि केंद्र सरकार को इस बारे में ई-मेल के जरिये जानकारी दे दी गई है। सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जांच करने के बाद ही अच्छी गुणवत्ता वाले तिरंगा झंडों का वितरण करें। इनमें जो खराब हैं, उन्हें अलग रखकर वापस करें। कई झंडे ऐसे हैं जो गुणवत्ता के आधार पर ठीक नहीं पाए गए हैं। वे सभी जिले और ब्लॉक एक-एक झंडे को अच्छे से छांट लें और एक-एक कर देख लें। जो ठीक हैं, उन्हीं को आगे भेजें। जो खराब हैं, उन्हीं झंडों को वापस किया जा रहा है।
इन्हें भारत सरकार को भेजा जा रहा है। इनके बजाय तुरंत ठीक झंडे मांगे गए हैं। कंवर ने कहा कि प्रदेश के लिए साढे़ 12 लाख झंडे आए थे। एक बंडल ढाई हजार का है। इसमें किसी बंडल में 8 से 10 प्रतिशत खराब हैं। किसी लॉट में 5 से 7 प्रतिशत खराब हैं। जो खराब हैं, उनके बारे में जिलों और ब्लॉकों में कहा गया है कि उन्हें बांटा नहीं जाए। इन्हें भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय से खरीदे गए हैं। ये तिरंगे सभी विकास खंडों के जरिये जनता तक पहुंचाए जाने हैं। इसके अलावा सरकारी राशन डिपो और स्कूलों में भी इसका वितरण होना है। झंडे का मूल्य 8, 12 और 25 रुपये है। बताया जा रहा है कि जिला शिमला में सिर्फ 25 रुपये वाले झंडे ही पहुंचे हैं। हैरत की बात है कि राष्ट्रीय ध्वज के बीच बने अशोक चक्र को किनारे बना दिया गया। प्रिंट करते वक्त इसका निरीक्षण तक नहीं किया गया है। यही नहीं, जब आपूर्ति भेजी तब भी इसे चेक नहीं किया गया है। उपायुक्त आदित्य नेगी ने बताया कि प्रदेश सरकार को इस बारे में सूचित कर दिया गया है।
17.50 लाख झंडे उपलब्ध करवाने का लक्ष्य: सीएम
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि राज्य सरकार आजादी का अमृत महोत्सव के तहत राष्ट्रीयता की मूल भावना के अनुरूप विभिन्न आयोजन कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी तक पूरे प्रदेश में 170 विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। राज्य सरकार की ओर से हर घर तिरंगा अभियान के तहत उपायुक्तों के माध्यम से 17.50 लाख झंडे उपलब्ध करवाने का लक्ष्य है। स्वतंत्रता सेनानियों और स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों के योगदान से संबंधित साहित्य का भी प्रकाशन किया जा रहा है। हर जिले में उपायुक्त की अध्यक्षता में जिलास्तरीय डिजिटल ज्ञान कोष स्थापित हो रहा है, जिसमें वहां के स्वतंत्रता सेनानियों, ऐतिहासिक स्थलों, प्रमुख हस्तियों और कला एवं शिल्प से संबंधित डाटा बैंक तैयार किया जा रहा है।
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शनिवार को नई दिल्ली में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से आजादी का अमृत महोत्सव के लिए गठित राष्ट्रीय समिति की तृतीय बैठक में भाग लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी अध्यक्षता की। राज्यपाल ने प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए की विभिन्न पहलों, पौधरोपण अभियान और संस्कृत भाषा को प्रोत्साहित करने के लिए किए जा रहे प्रयास की जानकारी दी। उन्होंने सीमावर्ती किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों का दौरा कर वहां के लोगों से संवाद किया। इस दौरान वहां की संस्कृति, विकासात्मक योजनाओं और अन्य स्थानीय मुद्दों जैसे सड़कों के निर्माण में वन अधिनियम के कारण आने वाली बाधाओं पर चर्चा हुई। इस बैठक में केंद्रीय मंत्रियों, राज्यपालों, उप राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों ने भाग लिया।
