हिमाचल प्रदेश

शक्तिपीठों में अष्टमी पूजन की धूम, आस्था का उमड़ा सैलाब

Shantanu Roy
30 March 2023 12:04 PM GMT
शक्तिपीठों में अष्टमी पूजन की धूम, आस्था का उमड़ा सैलाब
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चिंतपूर्णी। चैत्र नवरात्रों के दौरान हिमाचल के शक्तिपीठों में बुधवार को अष्टमी पूजन की धूम रही। इस दौरान देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं ने शक्तिपीठों में शीश नवाया व अपने घर-परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना की। धार्मिक स्थल चिंतपूर्णी में चैत्र नवरात्रे अष्टमी के दिन दोपहर को विशेष पूजा का आयोजन किया गया। चिंतपूर्णी में श्रद्धालुओं की दर्शन करने के लिए लंबी कतारें लगी रहीं। लाइन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए पुलिस और गृहरक्षकों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इस बार मेले में सफाई व्यवस्था बेहतर रही। पानी व बिजली की भी मेले में कोई समस्या देखने को नहीं मिली। चिंतपूर्णी में दर्शन पर्ची के साथ ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जा रही थी। इसके अलावा अक्षम व बीमार श्रद्धालुओं के लिए मंदिर न्यास द्वारा एम्बुलैंस सुविधा दी गई थी। मेला अधिकारी विवेक महाजन में बताया कि मेले में दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई थीं। मेला शांतिपूर्ण ढंग से अंतिम चरण में पहुंच चुका है।
विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नयनादेवी जी में चैत्र नवरात्रों के दौरानअष्टमी पूजन की धूम रही। काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में अष्टमी पूजन किया झंडा चढ़ाने की रस्म अदा की, साथ ही प्राचीन हवन कुंड में आहुतियां डालीं। पंजाब, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार से काफी संख्या में श्रद्धालु अष्टमी पूजन के लिए माताजी के दरबार में पहुंचे। भीड़ होने के बावजूद श्रद्धालुओं को लाइनों में ही माता के दर्शन के लिए भेजा गया और श्रद्धालुओं ने आराम से माता जी के दर्शन की पूजा अर्चना की और अपने घर परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना की। स्थानीय पुजारी नीलम शर्मा ने बताया कि अष्टमी का दिन माता जी को सर्वप्रिय है। इस दिन माताजी को कड़ाह प्रसाद का भोग लगता है। जो भी श्रद्धालु अष्टमी पूजन करता है उसकी सभी मनोकामनाएं माता पूर्ण करती हैं।
ज्वालामुखी शक्तिपीठ में चल रहे चैत्र नवरात्रों के दौरान अष्टमी के अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों व विदेशों से पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने मां ज्वाला के दरबार में हाजिरी लगा कर मन्नतें मांगी। अष्टमी के दिन ज्वालामुखी मंदिर मार्ग पर दिनभर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी व श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शनों के लिए काफी इंतजार भी करना पड़ा। मंदिर सह-आयुक्त एवं एसडीएम ज्वालामुखी डाॅ. संजीव शर्मा ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर में 24 घंटे दर्शनों के लिए खुला है। मंदिर को केवल आरती के लिए ही बंद किया जा रहा है। मंदिर में व्यवस्थाओं को लेकर व्यापक प्रबंध किए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को परेशानी न हो। डीएसपी विकास धीमान ने बताया कि ज्वालामुखी शहर में सुरक्षा एवं यातायात व्यवस्था के लिए सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं व यातायात व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से शहर में आने वाले श्रद्धालुओं के बड़े वाहनों के लिए अलग से पार्किंग की व्यवस्था की गई है। ज्वालामुखी मंदिर में सप्तमी के अवसर पर श्रद्धालुओं ने मां ज्वाला के दरबार में 11,21,048 रुपए की नकदी, 690 ग्राम चांदी व 005 ग्राम सोना भेंट स्वरूप अर्पित किया। यह जानकारी तहसीलदार एवं मंदिर अधिकारी विचित्र सिंह ने दी।
नगरकोट माता श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर कांगड़ा में चैत्र नवरात्र की अष्टमी कंजक पूजन के साथ मनाई गई। सुबह मंदिर के कपाट खुलते ही मां के दर्शनों के लिए लंबी लाइनें लगनी शुरू हो गईं थीं। वहीं प्रशासन ने अष्टमी और नवमी को लेकर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए हुए थे। अष्टमी जिसमें खास तौर पर मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना होती है। कांगड़ा में मां दुर्गा की आठवीं शक्ति महागौरी का पूजन विधिवत रूप से किया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा उपवास रखा गया और सुबह से कन्याओं का पूजन किया गया। अष्टमी को उत्तर प्रदेश से आए कई श्रद्धालुओं ने अपने बच्चों के मुंडन संस्कार भी करवाए। मंदिर अधिकारी सुरेश शर्मा ने बताया कि अष्टमी पर लगभग 10 हजार श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन किए। वहीं सप्तम नवरात्र के चढ़ावे की गणना में 4 लाख 18 हजार 5 रुपए का चढ़ावा श्रद्धालुओं द्वारा मां को अर्पित किया गया।
श्री चामुंडा नंदीकेश्वर धाम में 22 से 30 मार्च तक चलने वाले चैत्र नवरात्रों के दौरान अष्टमी के दिन कुछ श्रद्धालुओं ने कन्या पूजन के साथ अपने नवरात्रों का समापन कर दिया। कुछ श्रद्धालु कल नवमी के दिन पूर्ण आहुति के बाद अपने नवरात्रों का समापन करेंगे। मंदिर अधिकारी गिरिराज ठाकुर ने बताया कि 9 दिन तक चलने वाले इन चैत्र नवरात्रों में यज्ञशाला में आचार्य बालक राम की अगुवाई में 31 विद्वानों द्वारा शतचंडी, देवी भागवत, रुद्राभिषेक, रामायण पाठ व गायत्री पाठ आदि पाठ किए गए। नवरात्र के दौरान सभी विभागों के कर्मचारी व अधिकारी मौके पर तैनात रहे। चामुंडा मन्दिर में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से 12 अतिरिक्त कैमरे लगाए गए थे। आज अष्टमी को मां चामुंडा का पुराना सिंदूर उतारकर नया संदूर अॢपत कर मां चामुंडा का नशीत पूजन किया। इसके उपरांत मां को 108 प्रकार के देसी घी के बने व्यंजनों का भोग अर्पित कर उपस्थित श्रद्धालुओं में प्रसाद स्वरूप वितरित किया गया। नवमी के दिन एसडीएम धर्मशाला एवं मंदिर सहायक आयुक्त 12 बजे पूर्णाहुति डालकर नवरात्रों का समापन करेंगे। गिरिराज ठाकुर ने बताया कि इस बार नवरात्रों के दौरान कोई भी अनहोनी घटना नहीं घटी तथा नवरात्र शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हो गए। आज अष्टमी के दिन करीब 9500 श्रद्धालु मां चामुंडा के दरबार में नतमस्तक हुए।
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