हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत अलग से कार्टन की व्यवस्था

Renuka Sahu
26 July 2022 4:55 AM GMT
Arrangement of separate cartons under Prakritik Kheti Khushal Kisan Yojana in Himachal Pradesh
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फाइल फोटो 

सेब कार्टन के दामों में बढ़ोतरी के बीच प्राकृतिक खेती विधि से सेब उगा रहे बागबानों के लिए राहत की बात है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सेब कार्टन के दामों में बढ़ोतरी के बीच प्राकृतिक खेती विधि से सेब उगा रहे बागबानों के लिए राहत की बात है। प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत इन बागबानों को अगल से कार्टन की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की राज्य इकाई द्वारा बागबानों से कार्टन की डिमांग मांगी गई है। राज्य इकाई के पास बागबानों से डिमांड आना शुरू हो गई है। बागबानों की डिमांड को देखते हुए प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की राज्य इकाई द्वारा बागबानों के लिए अलग से कार्टन उपलब्ध करवाया जाएगा।

बताया जा रहा है कि प्राकृतिक खेती कर रहे बागबानों को मार्केट से कम दाम पर कार्टन उपलब्ध करवाया जाएगा। हालांकि अभी यह तय नहीं हो पाया है कि प्राकृतिक खेती करने वाले बागबानों को कहां पर कार्टन मिलेगा। कार्टन की पूरी डिमांड आने के बाद ही बागबानों कार्टन उपलब्ध करवाने के लिए मेकेनिज्म तैयार करवाया जाएगा। प्रदेश में प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों के लिए मंडियों में अलग से यार्ड की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके लिए भी प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की राज्य इकाई की ओर से तैयारियां शुरू की जा रही है। फिलहाल प्रदेश की दो मंडियों में पायलट आधार पर यह व्यवस्था की जाएगी। इनमें सोलन और शिमला की दो मंडियां है। इनमें प्राकृतिक खेती के यार्ड शुरू करने के लिए टेंडर कर दिए गए हैं, जल्द ही मंडियों में प्राकृतिक खेती के यार्ड बन जाएंगे, जहां पर सिर्फ प्राकृतिक खेती विधि से तैयार किए गए उत्पाद ही बिकेंगे। गौरतलब है कि प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए और टिकाऊ खेती के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसे और रफ्तार देने के लिए प्राकृतिक उत्पादों के मार्केटिंग पर भी खासा ध्यान दिया जा रहा है। (एचडीएम)
हिमाचल में प्राकृतिक खेती की स्थिति
-1.74,394 किसानों ने लिया प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण
-1.71,000 किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया
-3615 पंचायतों में से 3590 पंचायतों में हो रही खेती
-प्रदेश में 9.421 हेक्टेयर में हो रही है प्राकृतिक खेती
-10 हजार से ज्यादा बागबान भी कर रहे हैं प्राकृतिक खेती
शिमला-मंडी में खोलेंगे आउटलेट
प्रदेश के किसानों की उपज बेचने के लिए आउटलेट शिमला, मंडी में पायलट आधार पर और एक दिल्ली में खोला जाएगा, जहां साल भर किसान उत्पादक कंपनियां किसानों को लाभकारी कीमतों पर और पारदर्शी तरीके से अपनी उपज बेचने में मदद करेंगे। किसानों के प्राकृतिक उत्पाद बेचने के लिए राज्य में 1000 शेड का निर्माण किया जा रहा है, जहां पर किसान अपनी सब्जियां बेच पाएंगे। अब तक किसानों को 50 शेड दिए जा चुके हैं और उसके रिस्पांस का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद, किसान अपनी उपज को उन आउटलेट्स पर बेच सकते हैं, जो शिमला, मंडी और दिल्ली में शुरू करेगी। इसके बाद मांग के अनुसार आउटलेट्स की संख्या बढ़ाई जाएगी।
Renuka Sahu

Renuka Sahu

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