हिमाचल प्रदेश

आचार संहिता में चुनाव आयोग से लेनी पड़ेगी मंजूरी, विशेष अनुमति पर ही पास होगा मनरेगा शेल्फ

Renuka Sahu
13 Oct 2022 5:06 AM GMT
Approval will have to be taken from the Election Commission in the code of conduct, MNREGA shelf will be passed only on special permission
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न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com

हिमाचल में विधानसभा चुनावों का ऐलान कभी भी हो सकता हैं। विधानसभा चुनावों का ऐलान होते ही प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल में विधानसभा चुनावों का ऐलान कभी भी हो सकता हैं। विधानसभा चुनावों का ऐलान होते ही प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। आचार संहिता के कारण प्रदेश में विकासात्मक कार्यों पर रोक लग जाएगी। पंचायतों में होने वाले विकास कार्यों पर भी आचार संहिता का असर रहेगा। पंचायतों में ग्राम सभाएं तो होंगी, लेकिन कोई भी नया कार्य नहीं हो पाएगा। सिर्फ पहले से चल रहे कार्यों ही जारी रहेंगे। आचार संहिता में मनरेगा का शेल्फ भी पास नहीं हो पाएगा। विशेष स्थिति में मनरेगा का शेल्फ पास करवाने के लिए आचार संहिता की अनुमित लेना जरूरी होगा। अगर चुनाव आयोग अनुमति देता है, तो फिर मनरेगा का शेल्फ पास हो जाएगा, नहीं तो चुनावों के बाद ही मनरेगा का शेल्फ पास होगा।

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत कई प्रकार के विकासात्मक कार्य किए जाते हैं। खासकर अक्तूबर नवंबर और दिसंबर माह में मनरेगा का काम ज्यादा होता है। ऐसे में इन महीनों में चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी, जिसके कारण इन कामों पर रोक लग जाएगी। प्रदेश मेें मनरेगा के तहत रास्ते बनाना, भूमि सुधार, डंगे का काम, पानी के टैंक बनाना और सडक़ निर्माण जैसे काम किए जाते हैं। मनरेगा के अलावा पंचायतों में होने वाले अन्य कामों भी प्रभावित होंगे। वर्ष 2020-21 में मनरेगा के अंतर्गत 330 लाख कार्य दिवसों के विरुद्ध 336.10 लाख कार्य दिवस अर्जित किए गए और 988.95 करोड़ रुपए की धनराशि व्यय की गई। इसी तरह से वर्ष 2021-22 में 343 लाख लक्षित कार्य दिवसों के विपरीत 370.87 लाख कार्य दिवस अर्जित किए गए।
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