हिमाचल प्रदेश

OSD की नियुक्ति , HPSSC पर बड़ी कार्रवाई, आयोग का कार्य निलंबित

Gulabi Jagat
26 Dec 2022 5:15 PM GMT
OSD की नियुक्ति , HPSSC पर बड़ी कार्रवाई, आयोग का कार्य निलंबित
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शिमला, 26 दिसंबर : हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर (HPSSC Hamirpur) पर कड़क एक्शन लिया है। आयोग द्वारा संचालित किए जा रहे तमाम कार्यों व भर्ती प्रक्रियाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित (Suspend) करने के आदेश जारी किए गए हैं।
मुख्य सचिव के स्तर पर आयोग को लेकर एक आदेश जारी हुए हैं, जबकि दो अधिसूचनाएं जारी की गई हैं।
गौरतलब है कि जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (Junior Office Assistant) का पेपर लीक करने के मामले में मुख्य आरोपी उमा आजाद के घर से जनवरी महीने में होने वाली जूनियर ऑडिटर्स व कंप्यूटर ऑपरेटर्स (Junior Auditors & Computer Operators) की परीक्षाओं के पेपर भी बरामद हुए थे।
मुख्य सचिव आरडी धीमान (Chief Secretary RD Dhiman) के स्तर पर जारी आदेश व दो अधिसूचनाओं की प्रतिलिपि एमबीएम न्यूज नेटवर्क को उपलब्ध हुई है। आदेश में कहा गया है कि जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (I.T) का प्रश्नपत्र लीक होने के बाद ये भी सामने आया है कि जूनियर ऑडिटर व कंप्यूटर ऑपरेटर की भविष्य में होने वाली परीक्षाओं के प्रश्नपत्र भी लीक हुए थे। अगले आदेश तक सरकार ने तमाम भर्तियों को भी स्थगित करने के आदेश जारी किए हैं।
आयोग के तमाम कर्मचारियों व अधिकारियों को आयोग के नवनियुक्त ओएसडी (OSD)को रिपोर्ट करना होगा। सरकार ने एक अधिसूचना में हमीरपुर के अतिरिक्त उपायुक्त को निलंबित आयोग में ओएसडी का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा है। सचिव की शक्तियां वापस लेते हुए सरकार ने ओएसडी को ही तमाम जिम्मेदारियां सौंपी हैं।
दूसरी अधिसूचना में सुक्खू सरकार ने आयोग के सचिव डॉ. जितेंद्र कंवर व उप सचिव डॉ. संजीव कुमार को भारमुक्त करने के आदेश दिए हैं। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा अधिकारियों (Himachal Pradesh Administrative Service Officers) को शिमला में कार्मिक विभाग (personnel department) को रिपोर्ट करने को कहा गया है।
आदेश में ये भी साफ किया गया है कि आयोग अपनी विश्वसनीयता की कसौटी पर खरा नहीं उतर रहा है। सुक्खू सरकार ने पाया कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग ने अपने दायित्व का निर्वहन सही तरीके से नहीं किया है।
उधर, अंदरखाते ये भी मांग उठने लगी है कि आयोग में तैनात कर्मचारियों व अधिकारियों की भूमिका की जांच इस बात को लेकर की जानी चाहिए कि क्या उनके अपने बेटे-बेटियां भी आयोग की परीक्षाओं में उत्तीर्ण हुए हैं या नहीं।
आपको बता दें कि अक्तूबर 1998 में तत्कालीन सरकार ने हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड को अधिसूचित किया था। 2016 में बोर्ड का दर्जा आयोग कर दिया गया था। उधर सरकार के आदेश के बाद ये माना जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग द्वारा की जा रही भर्तियों को लोक सेवा आयोग को शिफ्ट किया जाएगा।
उधर, कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर ने पेपर लीक (Paper Leak) करने वाली वरिष्ठ सहायक उमा आजाद को निलंबित कर दिया है।
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